Forest Fire in Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में 4 दिनों से लगी आग, ट्विटर पर #SaveTheHimalyas कर रहा है ट्रेंड, लोग कर रहे हैं दुआ
उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग (Photo Credits: Twitter)

Forest Fire in Uttarakhand: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से जूझ रहा है. आलम तो यह है कि लॉकडाउन (Lockdown) का चौथा चरण लागू होने के बावजूद मरीजों की तादात में तेजी से बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है. कोविड-19 के प्रकोप (COVID-19 Outbreak) के अलावा देश में टिड्डियों के हमलों से निपटना और उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग (Uttarakhand Forest Fires) को नियंत्रित करना भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलों में पिछले चार दिनों से भीषण आग लगी हुई है. भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान के कारण जंगलों में लगी आग (Fire In Forests) से करीब 71 हेक्टेयर जमीन पूरी तरह से नष्ट हो गई है. इस भयावह आग की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. ट्विटर पर #SaveTheHimalayas ट्रेंड कर रहा है. इस हैशटैग का उपयोग करके यूजर्स ने जलते जंगलों की तस्वीरें शेयर की हैं. इसके साथ ही आग पर काबू पाने के लिए प्रार्थना और मदद की अपील की जा रही है.

बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते आग लगने की करीब 45 घटनाएं सामने आई हैं. कुमाऊं क्षेत्र में आग की 21 घटनाएं, गढ़वाल में 16 घटनाएं और अनरक्षित वन क्षेत्र में जंगल में आग की नौ घटनाएं देखी गईं. रिपोर्ट्स के अनुसार, जंगल में लगी आग के कारण दो लोगों की जान जा चुकी है और इससे वन्यजीवों के जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स ने इस भयावह स्थिति के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है. आज ट्विटर पर #UttarakhandForestFire और #SaveTheHimalayas ट्रेंड कर रहा है. यह भी पढ़ें: Forest Fire in Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से बर्बाद हुई 71 हेक्टेयर जमीन, खतरे में वन्यजीवों का जीवन

मदद के लिए बुला रहे हैं पहाड़

स्वर्ग जल रहा है

कल बचाओ

हमारी संपत्ति बचाओ

उत्तराखंड जल रहा है

आग की भयावह तस्वीर

बहरहाल, हम आपके संज्ञान में यह भी लाना चाहते हैं कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की वायरल हो रही तस्वीरों में कुछ पुरानी तस्वीरें भी हो सकती हैं. इस बीच पीआईबी उत्तराखंड ने एक ग्राफ शेयर बताया है कि पिछले साल की तुलना में इस साल जंगल की आग की घटनाओं में कमी आई है. गौरतलब है कि पिछले साल इसी तरह के जंगल की आग ने अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी, देहरादून और हल्द्वानी में सैकड़ों हेक्टेयर भूमि को नष्ट कर दिया था.