‘आत्मनिर्भर किसान-आत्मनिर्भर उत्तराखंड’ को चरीतार्थ कर रही त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार, अन्नदाताओं की खुशहाली सुनिश्चित

अपने ‘आत्मनिर्भर किसान-आत्मनिर्भर उत्तराखंड’ विजन को चरीतार्थ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने अन्नदाताओं की खुशहाली और समृद्धि के लिए अनेक सराहनीय कदम उठाये है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Photo Credits: Twitter)

देहरादून: अपने ‘आत्मनिर्भर किसान-आत्मनिर्भर उत्तराखंड’ विजन को चरीतार्थ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की सरकार ने अन्नदाताओं की खुशहाली और समृद्धि के लिए अनेक सराहनीय कदम उठाये है. किसानों की तरक्की के लिहाज से आज पर्वतीय राज्य एक मॉडल के तौर पर उभरा है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की ईमानदार पहल से उत्तराखंड (Uttarakhand) के किसानों की आमदनी में तेजी से इजाफा हो रहा है. उत्तराखंड में एलईडी बल्ब विनिर्माण में लगे महिला स्वयंसहायता समूहों को 50 हजार रुपये का कोष

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड ने चौमुखी विकास के नए आयाम तो स्थापित किए ही हैं, साथ ही साथ प्रदेश के किसानों को सकारात्मक रूप से नई दशा एवं दिशा की ओर ले जाने का काम किया है. यही वजह है कि आज उत्तराखंड के किसान सशक्त रूप से उभर कर पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर रहे है.

अन्नदाताओं को मिला सम्मान

कोरोना वायरस महामारी के बावजूद राज्य सरकार ने किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 8.57 लाख किसानों को 852.04 करोड रुपए का भुगतान किया है. जबकि अच्छी फसल प्राप्त करने में सहायता देने के लिए 8.82 लाख किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए हैं.

गन्ना किसानों को 100% भुगतान करने वाली पहली सरकार

उत्तराखंड की सरकार ने अपने गन्ना किसानों को 100 फीसदी भुगतान कर बड़ी राहत पहुंचाई है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार देश की पहली सरकार है, जिसने प्रदेश के गन्ना किसानों का कोई बकाया नहीं रखा है. जबकि किसानों की उन्नति के लिए अभी तक 1444 फार्म मशीनरी बैंक शुरू किए जा चुके हैं. 3900 जैविक क्लस्टरों में भी काम शुरू किया गया है.

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड को कृषि में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ी पहल की है. इसी क्रम में किसानों को 3 लाख रुपये तक और स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज पर उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके तहत अभी तक 4 लाख से अधिक किसानों और 1330 समूहों को 2062 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है.

चाय की खेती से किसानों की आय बढ़ाने का प्लान

किसानों की कमाई बढ़ाने और उन्हें अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के उदेश्य से कर्मशील मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चाय की बागवानी पर भी विशेष जोर दे रहे है. हाल ही में मुख्यमंत्री आवास पर चाय विकास बोर्ड की बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाए. उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को इसके लिए जमीन तलाशने के भी निर्देश दिए. उत्तराखंड की चाय को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए राज्य में चार नई चाय की फैक्टरियां स्थापित की जाएंगी. जबकि टी-गार्डन विकसित कर किसानों को सह-मालिक बनाने का प्लान है. इसके लिए अगले एक माह में मॉडल तैयार किया जाएगा. वहीं, बगान में उत्पादित चाय की हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य तय करने के लिए समिति गठित की जाएगी.

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