Uttarakhand Assembly Elections: मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच, आप, सपा, बसपा भी मैदान में
अगले वर्ष 2022 की शुरुआत में ही पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं. विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के चुनाव को लेकर अपने अपने दावे हैं. इस बीच उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है.
नई दिल्ली, 12 दिसंबर : अगले वर्ष 2022 की शुरुआत में ही पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं. विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के चुनाव को लेकर अपने अपने दावे हैं. इस बीच उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है. इस बार आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लड़ रही है. हालांकि उत्तराखंड में हमेशा से ही कोई न कोई तीसरी पार्टी मौजूद रही है, लेकिन बावजूद इसके यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच ही होता रहा है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मुख्य चुनावी मुद्दे पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली आदि हैं. इसी वर्ष 9 मार्च को राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन कुछ ही महीनों बाद उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बाद अब पुष्कर सिंह धामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
उत्तराखंड में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 56 कांग्रेस को 11 सीटों पर कामयाबी मिली थीं. हालांकि मजबूत बहुमत मिलने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को राज्य में बार-बार नेतृत्व परिवर्तन करना पड़ा है. यही कारण है कि 5 साल से भी कम समय में भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तराखंड ने तीन मुख्यमंत्री देखे हैं. भारतीय जनता पार्टी में पर अस्थिरता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस इस बार अपने लिए मजबूत स्थिति मान रही है. राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी और यह चुनाव जीतने की जिम्मेदारी कुछ वरिष्ठ नेताओं समेत हरीश रावत के हाथ में है. वहीं भाजपा ने 70 विधानसभा क्षेत्रों में संयोजक और विधानसभा प्रभारी तैनात किए हैं. चुनाव में की तैयारियों में अन्य सभी पार्टियों पर बढ़त बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी दावेदार टटोलने में जुट गई है. भाजपा ने उत्तराखंड में रथों की सियासत भी शुरू कर दी है. पांच साल की उपलब्धियों की बताने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के विकास रथ उत्तराखंड के सभी जिलों के 300 स्थानों पर नुक्कड़ नाटक व एलईडी के माध्यम से फिल्म के जरिए राज्य सरकार की नीतियों, विकास कार्यो और योजनाओं का प्रचार करेंगे. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी का ट्विटर हैंडल कुछ समय के लिए हैक हुआ, बाद में सुरक्षित किया गया : पीएमओ
उधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के लोगों से वोट मांगते हुए यह वादा किया है कि यदि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो उत्तराखंड में प्रत्येक घर को 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लुभावने वादों के साथ ही उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़ने की बात कह रही है. हालांकि इससे पहले भी उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा के अलावा उत्तराखंड क्रांति दल एक तीसरी शक्ति के रूप में मौजूद रहा है. उत्तराखंड क्रांति दल ही वह पार्टी थी, जिसने अलग पहाड़ी राज्य के लिए आंदोलन चलाया, लेकिन फिर भी यह पार्टी कांग्रेस या भाजपा का विकल्प नहीं बन सकी.
इसी तरह बहुजन समाज पार्टी को भी राज्य में कुछ विधानसभा सीटों पर कामयाबी मिलती रही है, लेकिन तीसरी पार्टी के रूप में बहुजन समाज पार्टी भी यहां नहीं उभर सकी. बहुजन समाजवादी पार्टी ने इस बार भी उत्तराखंड में सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो समाजवादी पार्टी में भी उत्तराखंड की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. लेकिन समाजवादी पार्टी के लिए यहां राह और भी कठिन है. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 2004 में हरिद्वार लोक सभा सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इसके बाद से यहां पार्टी के लिए सूखा पड़ा हुआ है.