Uttar Pradesh: गांव के लोगों ने मगरमच्छ को बनाया बंधक, वन विभाग से मांगे 50 हजार रुपये
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो )

उत्तर प्रदेश में एक हैरान कर देनेवाला मामला सामने आया है. लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) से लगभग 50 किलोमीटर दूर मिदनिया (Midania) गांव के लोगों ने एक मगरमच्छ को बंधक बना लिया और उसे छोड़ने के बदले फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट से 50 हजार रुपये की मांग करने लगे. ख़बरों के अनुसार रिजर्व बफर (Buffer Forests ) एरिया के डेप्युटी डायरेक्टर अनिल पटेल (Anil Patel) ने बताया कि, मिदनिया से उन्हें फोन आया कि गांव के तालाब में एक मगरमच्छ तैरता हुआ दिखाई दिया है, आप लोग जल्दी आकर उसे पकड़ लें. वन विभाग की एक टीम को गांव में मगरमच्छ को पकड़ने के लिए भेजा गया, लेकिन शाम हो जाने के कारण टीम ने मगरमच्छ को दूसरे दिन पकड़ने का फैसला किया. यह भी पढ़ें: गुजरात: वड़ोदरा के रावल गांव के एक घर में मगरमच्छ घुसा, वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम ने उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा

जिसके बाद दूसरे दिन उन्हें फोन आया कि मगरमच्छ से बच्चों को खतरा था और वन विभाग की टीम का इन्तजार कर हम थक गए थे. इसलिए हमने खुद ही इसे पकड़ लिया. वन विभाग के लोग जब गांव पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. लोगों ने तालाब का पानी खाली कर मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर पकड़ लिया था. गांव के लोगों ने कहा हम लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मगरमच्छ को पकड़ा है. इसलिए हमें इसका मुआवजा चाहिए. गांव के प्रधान ने उन 15 लोगों के नाम की लिस्ट भी उन्हें सौंपी जिन्होंने ने मगरमच्छ को पकड़ने में मदद की थी. ये बात अनिल पटेल ने बताई.

दो घंटे तक बहस करने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को कहा कि जो काम जंगल के अधिकारियों को करना चाहिए था वो हमने किया, इसलिए हम मुआवजे के हकदार हैं. लेकिन वन विभाग ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है. जिसके बाद उन्होंने मगरमच्छ को बंदी बना लिया था. पुलिस ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मगरमच्छ को नहीं छोड़ा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ग्राम प्रधान के समझाने के बाद उन्होने मगरमच्छ को छोड़ दिया.

वन विभाग के अनुसार मगरमच्छ बाढ़ के पानी में बहकर तालाब में पहुंच गया था.