लखनऊ: बनारस (Banaras) का मशहूर लंगड़ा आम, गाजीपुर (Ghazipur,) का परवल, सोनभद्र (Sonbhadra) की हरी मिर्च, जौनपुर (Jaunpur) की मूली और अमरोहा (Amroha) के आम और सब्जियों (Vegetables) के स्वाद का आनंद जल्द ही दुनिया भर के लोग ले सकेंगे. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार वाराणसी और अमरोहा (Amroha) जिले को देश के भीतर सब्जी और फलों (Fruits) के निर्यात (Export) का नया केंद्र बनाने की तैयारियों में जुटी हुई है. यह किसानों (Farmers) की आय बढ़ाने की कवायद का एक हिस्सा है. सरकारी प्रवक्ताओं के मुताबिक, यह क्षेत्र के लोकप्रिय कृषि उत्पादों के निर्यात की सुविधा के लिए वाराणसी और अमरोहा में निर्मित एकीकृत पैक हाउसों के माध्यम से संभव होगा. Varanasi: गंगा दशहरा के मौके पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की पवित्र डुबकी
एकीकृत पैक हाउसों का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद प्रतापगढ़, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, अयोध्या, झांसी और अलीगढ़ में एकीकृत पैक हाउस स्थापित किए जाएंगे.
इन एकीकृत पैक हाउसों के चालू होने से वाराणसी से सटे 13 जिलों और अमरोहा से सटे सात जिलों के किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पिछले साल राज्य के दस जिलों में फलों और सब्जियों के निर्यात की सुविधा के लिए एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने का निर्णय लिया था.
जहां कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने एकीकृत पैक हाउस बनाने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की, वहीं राज्य मंडी परिषद उन जिलों में इनके निर्माण के लिए आगे आई है, जहां फल या सब्जियां बहुतायत में पैदा होती हैं.
पहले चरण में मंडी परिषद ने वाराणसी और अमरोहा में एकीकृत पैक हाउस के निर्माण के लिए बजट को मंजूरी दे दी है.
वाराणसी का इंटीग्रेटेड पैक हाउस मिजार्पुर, सोनभद्र, प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर, अंबेडकर नगर, देवरिया और कौशांबी के किसानों को देश-विदेश में अपने फल और सब्जियां भेजने में सक्षम बनाएगा.
इसी तरह से अमरोहा के इंटीग्रेटेड पैक हाउस के माध्यम से मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, संभल और हापुड़ के किसान देश-विदेश में अपने खेतों में उगाई गई सब्जियां और फल भेज सकेंगे.
अधिकारियों के मुताबिक, अमरोहा जिले में लगभग 12,000 हेक्टेयर भूमि में आम के बाग फैले हुए हैं. जिले के कुल उत्पादन में से लगभग 2,000 मीट्रिक टन आम या तो दूसरे राज्यों में भेजे जाते हैं या विदेशों में निर्यात किए जाते हैं.
अमरोहा के आम की खाड़ी देशों में काफी मांग है जबकि वाराणसी का लंगड़ा आम दुनिया भर में लोकप्रिय है. इसके अलावा, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, मिजार्पुर, चंदौली और संत कबीर नगर क्षेत्रों में कई प्रकार की सब्जियां और फल पैदा होते हैं, जो विदेशी उपभोक्ताओं के पसंदीदा हैं.
पिछले साल कई टन भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, लुफ्फा, बैगन और मूली का वाराणसी और उसके आसपास के जिलों से ब्रिटेन, इटली, जर्मनी और यूएई को निर्यात किया गया था.
अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी और अमरोहा में एकीकृत पैक हाउस बनने के बाद इन जिलों से विदेशों में फलों और सब्जियों का निर्यात कई गुना बढ़ने की संभावना है और किसानों की आय भी उसी अनुपात में बढ़ेगी. फलों और सब्जियों को इन पैक हाउसों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान, ईरान, इराक, बहरीन और मलेशिया में निर्यात किया जा सकता है. कृषि उत्पादों को पूरे वर्ष ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, रूस, जापान और अन्य यूरोपीय देशों में भी निर्यात किया जा सकता है.
वाराणसी और अमरोहा में बन रहे ये इंटीग्रेटेड पैक हाउस अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे. एकीकृत पैक हाउस में एमआरएल परीक्षण मशीनें भी लगाई जाएंगी, जिससे पता लगाया जा सकेगा कि कृषि उत्पाद का उत्पादन करने के लिए कितनी मात्रा में रसायनों का उपयोग किया गया है. केवल उन्हीं उत्पादों का निर्यात किया जाएगा, जिन्हें एकीकृत पैक हाउस से निकासी प्रमाणपत्र मिलता है.