लखनऊ, 7 फरवरी : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शुरू होने जा रहे बजट सत्र में सभी विधायकों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इससे पहले उन्हें कोरोनावायरस टेस्ट (Coronavirus test) की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. राज्य में विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के सचिवालय ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले सर्कुलर जारी करके सभी विधायकों और एमएलसी के लिए अनिवार्य तौर पर कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा है. इसके तहत सभी जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में विधायकों के लिए कोरोना टेस्ट कराने की व्यवस्था करें. सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है, "जो भी विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं, वे 14 से 17 फरवरी के बीच जिला अस्पतालों और सरकारी मान्यता प्राप्त लैब में निशुल्क परीक्षण कराने के लिए सीएमओ से संपर्क कर सकते हैं."
चूंकि बिना लक्षण वाला एक संक्रमित व्यक्ति भी कहर बरपा सकता है, लिहाजा सरकार ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. दोनों सदनों के सदस्यों की सुविधा के लिए विधानसभा सचिवालय ने लखनऊ में रहने वाले विधायकों के लिए 14 और 17 फरवरी के बीच उनके घर से ही नमूने लेने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. सभी विधायकों को 17 फरवरी तक कोरोना टेस्ट करवाना होगा. यह भी पढ़ें : Uttarakhand Glacier Burst: ग्लेशियल आउटबर्स्ट फ्लड क्या है? ग्लेशियर कैसे और क्यों टूटता है, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
अधिकारी ने कहा, "जो सदस्य टेस्ट नहीं कराएंगें, उन्हें सदन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी." वहीं पॉजिटिव पाए जाने वाले विधायकों के लिए एसजीपीजीआई और केजीएमयू में बेड आरक्षित किए गए हैं. हालांकि, राज्य में कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या में भारी कमी आई है, फिर भी राज्य सरकार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में पूरी सावधानी बरत रही है.