नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात खराब हो गए हैं. मैदानी इलाकों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विभिन्न हिस्सों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. सैकड़ों गांव पानी से भर गए हैं. इनमें बुंदेलखंड क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है. Weather Forecast: यूपी, उत्तराखंड समेत इन राज्यों में अगले 5 दिनों के दौरान भारी बारिश का अनुमान- यहां पढ़ें मौसम अपडेट.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक बुंदेलखंड में नदियों के किनारे 500 से ज्यादा घर पानी में डूबे हुए हैं. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोग कई क्षेत्रों से पलायन कर चुके हैं. कई लोग अपने समय पर मदद मिलने पर अपने आप सुरक्षित क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं.
प्रयागराज में डूबे लोगों के घर
उत्तर प्रदेश: गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रयागराज के करेली और जेके नगर में लोगों के घर पानी में डूब गए हैं।
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, "जेके नगर में 500-600 मकान पानी में डूबे हुए हैं, बहुत से लोग दूसरे घर में शिफ्ट हो गए हैं। पानी लगातार बढ़ रहा है।" pic.twitter.com/dGw0iQZs2Z
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 9, 2021
राज्य में नदियां खतरे के निशान पर या उससे ऊपर बह रही हैं. दो मुख्य नदियां गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. ANI ने बताया, सोमवार की सुबह तक, दोनों नदियां प्रयागराज जिले के फाफामऊ में 85.08m और 84.90m पर बह रही हैं.
यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाद कई इलाके जलमग्न हो गए है. वहीं वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. रविवार को उत्तर प्रदेश के मंत्री महेंद्र सिंह ने बलिया जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और बिगड़ती स्थिति को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की.
गोंडा जिले में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से एक प्राथमिक विद्यालय बह गया. वहीं बागपत जिले के बड़ागांव गांव में रविवार को दीवार गिरने की घटना में 10 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. दो अन्य भी घायल हो गए.
मौसम पूर्वानुमान में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले 4-5 दिनों में मध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.