उत्तर प्रदेश : बांदा जिला मुख्यालय में पेयजल संकट और केन नदी में अवैध खनन के विरोध में उतरे किसान, अनसन स्थल की काटी बिजली

उत्तर प्रदेश में बांदा जिला मुख्यालय में पेयजल संकट और केन नदी में अवैध खनन के विरोध में पांच दिनों से जारी किसानों के अनशन से खिन्न होकर प्रशासन ने रविवार दोपहर बाद अनशन स्थल की बिजली काट दी...

बिजली सेक्टर (Photo Credit- Pixabay)

बांदा:  उत्तर प्रदेश में बांदा जिला मुख्यालय में पेयजल संकट और केन नदी में अवैध खनन के विरोध में पांच दिनों से जारी किसानों के अनशन से खिन्न होकर प्रशासन ने रविवार दोपहर बाद अनशन स्थल की बिजली काट दी. किसानों के अनशन की अगुआई कर रहे बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने बताया, "रविवार दोपहर विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों ने अनशन स्थल आकर बिजली काट दी है. पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके ऊपर एक विधायक और अधिकारियों का बड़ा दबाव है."

शर्मा ने बताया, "शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ अनशन तुड़वाने आये थे, लेकिन पेयजल संकट दूर होने और केन नदी का अवैध खनन न बन्द होने तक किसानों ने अनशन तोड़ने से मना कर दिया था. इसी से नाराज होकर अधिकारियों ने यह हरकत की है."

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शर्मा ने बताया, "केन नदी में तीन दर्जन मशीनें गैर कानूनी ढंग से खनन कर रही हैं, किसानों ने नदी कूच कर खुद मशीनें हटाने का ऐलान किया है. इससे प्रशासन उत्पीड़न कर रहा है. जबकि यह बिजली नगर पालिका परिषद की है और पालिका से अनशन करने और बिजली के उपभोग का बाकायदा परमिशन लिया गया है."

इस संबंध में चित्रकूटधाम मण्डल बांदा के बिजली विभाग के मुख्य अधीक्षण अभियंता के.के. भारद्वाज ने बताया, "मेरे पास गलत तरीके से बिजली जलाने की शिकायत आई थी. मैंने एसडीओ को मामला सौंप दिया था. उन्होंने जायज ही किया होगा." जब उन्हें बताया गया कि यह बिजली पालिका परिषद की है तो उन्होंने कहा कि "देख लिया जाएगा."

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