महोबा: महोबा (Mahoba) जिले से पिछले सप्ताहांत सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो (Video) जमकर वायरल हुआ था, जिसमें दो पुलिस कांस्टेबलों (Police Constable) द्वारा एक शव को कचरे के ट्रक (Truck) में लादते हुए देखा गया था. इस दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद दिया. अब इस घटना के संबंध में जांच का आदेश दिया गया है. इन दोनों कांस्टेबलों ने पहले शक को कचरे के लोडर पर फेंका. फिर बाद में अपने सीनियर के निर्देश पर इसे एक कचरे के ट्रक में फेंक दिया गया. Uttar Pradesh: बरेली में दुर्गा मंदिर में लटका मिला नाबालिग पुजारी
शव को काले रंग के पॉलीथिन बैग में पैक किया गया था. घटना शनिवार को जिला अस्पताल के बाहर की है. मृतक का नाम रामकरण कुशवाहा निकला, जो अपने बड़े बेटे दीपक के साथ दिल्ली में रह रहे थे. शुक्रवार को उनकी तबीयत खराब हुई, तो वह अपने पैतृक गांव लौट गए.
इसी दिन उनकी हाल और ज्यादा बिगड़ गई. उनके बेटे ने उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के पहले ही उनकी मौत हो गई. बाद में उनके शव को मोर्चरी में रखवाया गया.
दीपक ने संवाददाताओं से कहा, "मेरे पिता दिल्ली में एक मजदूर के रूप में काम करते थे. चूंकि उनकी तबीयत खराब थी इसलिए हम दोनों शुक्रवार को अपने गांव लौट आए थे. उसी दिन उनकी तबीयत बिगड़ गई, हम उन्हें जिला अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों के इलाज से पहले ही बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई."
पुलिस सूत्रों ने कहा, जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम होने के बाद परिवार ने शुरू में शव को लेने से इंकार कर दिया था. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियोंबेटे को मनाया, जो खुद खरेला नगर पंचायत के कचरा वाहन से अस्पताल पहुंचे हुए थे. फिर उनके पिता का अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे ने ही शव को ले जाने के लिए कचरा लोडर की व्यवस्था की थी.
महोबा के एडिशनल एसपी राजेंद्र कुमार गौतम ने कहा, "मैंने सर्कल ऑफिसर चरखारी उमेश चंद्र को मामले की जांच कर कम से कम समय में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है."
यह कदम योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा एक शव को नदी में फेंके जाने के एक और मामले पर जांच के आदेश दिए जाने के कुछ दिनों बाद उठाया गया. यह वाक्या भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.