लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोपामऊ विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक श्याम प्रकाश (Shyam Prakash) ने रविवार को सोशल मीडिया में एक कमेंट पोस्ट किया. उन्होंने टिप्पणी में अपनी ही सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए लिखा कि कोरोना की दूसरी लहर में सैकड़ों लोगों की ऑक्सीजन की कमी से तड़प-तड़पकर जान चली गई. विधायक राजकुमार अग्रवाल समेत लाखों परिवारों का दर्द किसी को दिखाई नहीं पड़ता है. दरअसल हरदोई संडीला से बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे की लखनऊ के अथर्व हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई थी. बेटे की मौत के बाद बीजेपी विधायक अग्रवाल ने खुद की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की जान जा रही है.
बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने कहा कि हर कोई जानता है. उन्होंने जो सच्चाई थी, उसे लिख दिया है. सभी को इस मामले में लिखना चाहिए. बीजेपी विधायक के इस बयान के बाद बीजेपी के जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा ने सरकार के सफाई में कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों की रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. यदि उन्हें लगता है कि राज्य सरकारों की रिपोर्ट गलत है तो इसके खिलाफ उन्हें कोर्ट जाना चाहिए. यह भी पढ़े: सरकार बोली, ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं, अमेरिकी रिपोर्ट का दावा, भारत में कोरोना से अब तक 47 लाख लोगों की जान गई!
उनके इस पोस्ट पर मीडिया ने जब उनकी प्रतिक्रिया जानना चाही तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया. वहीं समजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्ष की पार्टियों ने बीजेपी विधायक के इस कॉमेंट पर सरकार पर हमला बोला है. उनके इस पोस्ट के बाद सपा नेता जीतेंद्र वर्मा ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि अब बीजेपी के विधायक ही अपनी केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे है और लोगों की छोड़ दो.
दरअसल केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है. सदन में यह जानकारी केंद्र सरकार ने अलग-अलग राज्यों से रिपोर्ट मंगवाने के बाद दिया. केंद्र को भेजे रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है.
हालांकि सच्चाई यह नहीं हैं. सरकार भले ही कह रही है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन से किसी की मौत नहीं हुई हैं. लेकिन अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है.