देश को सोने की चिड़िया बनाने में यूपी का होगा हाथ, अब मजदूर मुंबई नहीं जाएंगे: रवि किशन

उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट गोरखपुर से सांसद और अभिनेता रवि किशन का कहना है कि सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर उत्तर प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूर अब कभी मुंबई की तरफ पलटकर नहीं देखेंगे.

रवि किशन (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की हाई प्रोफाइल सीट गोरखपुर (Gorakhpur) से सांसद और अभिनेता रवि किशन (Ravi Kishan) का कहना है कि सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर उत्तर प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूर अब कभी मुंबई की तरफ पलटकर नहीं देखेंगे. क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में उत्तर प्रदेश बदल रहा है. सभी भाषाओं में छह सौ फिल्में करने का रिकॉर्ड बनाने वाले अभिनेता और सांसद रवि किशन कहते हैं कि जिस तरह से सरकार ने तैयारियां की हैं, उससे देश फिर से सोने की चिड़िया बनेगा और इसमें उत्तर प्रदेश का हाथ होगा.

रवि किशन ने कहा कि चीन से उठने वालीं कंपनियां उत्तर प्रदेश को ठिकाना बनाएंगी, क्योंकि यहां सबसे ज्यादा जमीन और मजदूर हैं. प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर राहुल गांधी के उठाए सवालों को लेकर रवि किशन ने कहा कि वह राजकुमार हैं. राजकुमार गरीबों का दुख नहीं जानते.

रविकिशन ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर विपक्ष की घेराबंदी करते हुए आईएएनएस से कहा, "अगर सपा-बसपा और कांग्रेस की केंद्र से लेकर राज्यों में रहीं सरकारों ने उत्तर प्रदेश के विकास पर ध्यान दिया होता तो फिर यहां पलायन की समस्या न सामने आती. जिससे मजदूरों को रोजी-रोटी के लिए मुंबई आदि महानगरों में जाने की जरूरत न पड़ती. मैं दावे के साथ कहता हूं जो मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर आया है, समझ लीजिए अब वह मुंबई की तरफ फिर पलटने वाला नहीं है."

मुंबई क्यों नहीं वापस जाएंगे मजदूर? इस सवाल पर रवि किशन ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में सभी को रोजी-रोटी मुहैया कराने की दिशा में प्रयास तेज किए हैं. प्रतिदिन 50 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी है. चीन से उठने वाली कंपनियां उत्तर प्रदेश में ही आएंगी. क्योंकि सबसे ज्यादा जमीन और मजदूर यूपी में ही हैं. ईश्वर की कृपा से अब पन्ना पलटने वाला है. अब गांव-गांव रोजगार मिलेगा. मनरेगा का सफल क्रियान्वयन चल रहा है. एमएसएमई सेक्टर पर भी खूब जोर दिया जा रहा है."

गोरखपुर सांसद रवि किशन ने महाराष्ट्र से मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर आईएएनएस से कहा, "वैसे यह समय राजनीतिक टीका-टिप्पणी करने का नहीं हैं, लेकिन राज्य सरकार से कुछ तो चूक हुई ही है. जिसके कारण तमाम मजदूर बेचारे सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही घर के लिए निकल पड़े. महाराष्ट्र में मजदूरों को मालिकों ने सहयोग नहीं किया. उनके वेतन का भुगतान नहीं हुआ. कई कारणों से मजदूर घर लौटने के लिए मजबूर हुए."

रवि किशन सांसद निधि ही नहीं, अपना पांच साल का वेतन भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दान कर चुके हैं. लॉकडाउन से मुंबई में ही फंसे होने के वावजूद वह संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में बड़े पैमाने पर राहत कार्यो का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने गोरखपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं की टीम बना रखी है, जिसने अब तक दो लाख 80 हजार किलो राशन का वितरण किया है. मुंबई के आवास से भी रवि किशन राशन वितरण कर रहे हैं. वह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े आर्थिक संकट से जूझते कलाकारों को भी सहायता पहुंचा रहे हैं.

रवि किशन के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण वह मुंबई में ही फंस गए. उनकी बिल्डिंग में एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित पाए जाने के कारण वह बाहर नहीं निकल सकते. मुंबई से गोरखपुर अगर पास लेकर गए भी तो वहां 14 दिन क्वारंटाइन रहना पड़ेगा और लोग देखने के लिए उमड़ेंगे, जिससे गोरखपुर में सोशल डिस्टेंसिंग प्रभावित हो सकती है. रवि किशन ने मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की घरवापसी के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी बात की. जिससे गोरखपुर व आसपास के जिलों के 70 से 80 हजार लोगों की घरवापसी का रास्ता साफ हुआ.

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