OMG! शख्स ने खुद को 200 सांपों से कटवाया, अपने खून से बना दिया दुनिया का सबसे तगड़ा एंटीवेनम

यह कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे! एक अमेरिकी आदमी, टिम फ्राइड, ने करीब दो दशकों तक जानबूझकर सांपों का विष अपने शरीर में डाला. और अब, उसी खून से वैज्ञानिकों ने ऐसा एंटीवेनम तैयार किया है, जो दुनिया के सबसे जहरीले सांपों के काटने से बचा सकता है.

ये अजीब सी बात 2001 से शुरू हुई, जब कैलिफोर्निया में रहने वाले टिम ने तय किया कि वह सांपों के विष से खुद को बचाने का तरीका खोजेंगे. हर साल वह खुद को दुनिया के सबसे खतरनाक सांपों से काटवाते रहे, बस एक ही उम्मीद थी – एक दिन वह एंटीवेनम ढूंढ लेंगे.

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, टिम के खून में जो एंटीबॉडी पाए गए हैं, वे अब साबित कर चुके हैं कि यह 19 अलग-अलग जहरीली सांपों के काटने से मौत को रोक सकते हैं. इस खोज को लेकर इम्यूनोलॉजिस्ट जैकब ग्लैन्बिल ने 2017 में टिम के बारे में सुना और तय किया कि इस पर काम करना चाहिए.

ग्लैन्बिल ने टिम से कहा, "मुझे पता है कि यह थोड़ा अजीब है, लेकिन क्या मैं आपके खून का नमूना ले सकता हूँ?" इस पर टिम ने जवाब दिया, "आखिरकार! मैं तो इस कॉल का इंतजार कर रहा था."

इसके बाद, टिम ने अपनी 40 मिलीलीटर रक्त की सैंपल ग्लैन्बिल और उनकी टीम को दिया. 8 साल बाद, इस खून से तैयार एंटीवेनम के बारे में वैज्ञानिकों ने जानकारी दी, जो अब 19 जहरीली सांपों से सुरक्षा दे सकता है.

अब तक एंटीवेनम बनाने के लिए पारंपरिक तरीके से सांप के विष को जानवरों में इंजेक्ट कर के एंटीबॉडीज तैयार किए जाते थे. फिर उन एंटीबॉडीज का इस्तेमाल एंटीवेनम बनाने में किया जाता था. लेकिन यह एंटीवेनम अब टिम के खून से बना है, तो इसका मानव शरीर पर प्रभाव और कम साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

हालांकि इस एंटीवेनम का अभी तक इंसानों पर परीक्षण नहीं हुआ है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पारंपरिक तरीके से बनाए गए एंटीवेनम से कहीं बेहतर साबित हो सकता है.

यह भी गौरतलब है कि टिम ने 2018 में खुद को सांपों से काटवाना बंद कर दिया था, क्योंकि वह कई बार मौत के करीब पहुंच चुके थे. अब वह ग्लैन्बिल की बायोटेक कंपनी, सेंटिवैक्स में काम कर रहे हैं और इस खोज में अपना योगदान दे रहे हैं.

वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल सांप के काटने से दुनियाभर में हजारों मौतें होती हैं और लाखों लोग स्थायी विकलांगता का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में इस एंटीवेनम की खोज सच में एक क्रांतिकारी कदम हो सकती है.

img