नई दिल्ली: अमेरिका के बाद अब चीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने दावा किया है कि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की बदौलत भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ है. बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने की भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया. जिसके चलते भारत को परमाणु हमले तक की कोरी धमकी दे डाली.
चीन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने भारत और पाकिस्तान दोस्ताना पड़ोसी के रूप में सक्रिय रूप से शांति वार्ता को बढ़ावा दिया और तनावपूर्ण स्थिति को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाई है."
उधर, संयुक्त अरब अमीरात ने कहा कि खाड़ी देश ने भारतीय लड़ाकू विमानों के बालाकोट में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में महत्वपूर्ण रोल निभाया है. यूएई के राजदूत अहमद अल बन्ना ने सोमवार को कहा कि ‘यूएई ने तनाव को घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’’ हालांकि बन्ना ने साफ किया कि यूएई ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता नहीं की, और उसके प्रयासों का लक्ष्य तनाव को घटाना था.
राजदूत ने अबूधाबी के वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से 28 फरवरी को हुई टेलीफोन पर बातचीत का भी जिक्र किया.
सबसे पहले अमेरिका के विदेश विभाग ने दावा किया कि था कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण थी. यूएस के विदेश विभाग ने कहा कि मंत्री माइक पोंपियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बीते 7 मार्च को अमेरिकी विदेश विभाग में उप प्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन के साथ शिखर वार्ता में व्यस्त थे इसके बावजूद माइक पोंपियो ने कूटनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मुहम्मद कुरेशी से फोन पर बातचीत की.
गौरतलब हो कि 14 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश के हमले में भारतीय सुरक्षाबल के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके जवाब में भारत ने बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर जैश के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. भारत की इस कार्यवाई के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया. भारत ने पाकिस्तान से सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा भी वापस ले लिया था.