PIN-less UPI Transaction: क्या हो अगर आप दुकान पर QR कोड स्कैन करें और पेमेंट करने के लिए आपको 4 या 6 अंकों का UPI पिन डालने की ज़रूरत ही न पड़े? बस आप अपना चेहरा दिखाएं या फिंगरप्रिंट लगाएं (UPI Biometric Payment) और पेमेंट हो जाए. जी हाँ, ऐसी खबरें आ रही हैं कि NPCI (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) इस नई तकनीक पर विचार कर रहा है.
अगर ऐसा होता है, तो UPI पेमेंट करने का तरीका पूरी तरह से बदल सकता है और पिन डालना ज़रूरी नहीं रहेगा.
अभी क्या व्यवस्था है?
फिलहाल, जब भी हम UPI से कोई पेमेंट करते हैं, तो हमें अपना 4 से 6 अंकों का एक सीक्रेट पिन डालना पड़ता है. इसे UPI-PIN (पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर) कहते हैं. हर ट्रांजैक्शन को मंजूरी देने के लिए यह ज़रूरी होता है.
बायोमेट्रिक्स से कैसे बदलेगा पेमेंट का तरीका?
अगर यह नया सिस्टम लागू होता है, तो आप अपने बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल करके पेमेंट को मंजूरी दे सकेंगे. बायोमेट्रिक्स का मतलब है आपके शरीर की अनोखी पहचान, जैसे:
- आपकी उंगलियों के निशान (Fingerprint)
- आपकी आँखों की पुतली का स्कैन (Iris Scan)
- आपके चेहरे की पहचान (Face ID)
इसके बड़े फायदे क्या होंगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह UPI से जुड़ी धोखाधड़ी को कम करने में एक बड़ा कदम होगा. इसकी वजह बहुत सीधी है:
- ज़्यादा सुरक्षित: आपका UPI पिन चोरी हो सकता है या कोई झांसा देकर आपसे पूछ सकता है. लेकिन आपके फिंगरप्रिंट, चेहरा या आंखों को चुराना लगभग नामुमकिन है. इससे आपके खाते ज़्यादा सुरक्षित रहेंगे.
- इस्तेमाल में आसानी: plutos ONE के संस्थापक रोहित महाजन कहते हैं, "पिन याद रखने का झंझट खत्म होने से न सिर्फ सुविधा बढ़ेगी, बल्कि यह उन करोड़ों लोगों को भी डिजिटल पेमेंट से जोड़ेगा जिन्हें टेक्नोलॉजी की ज़्यादा समझ नहीं है, खासकर हमारे बुजुर्ग और ग्रामीण इलाकों के लोग." जिन्हें पासवर्ड याद रखने में दिक्कत होती है, उनके लिए यह बहुत बड़ी राहत होगी.
लेकिन, कुछ बातों का ध्यान रखना होगा
रोहित महाजन यह भी कहते हैं कि इस बदलाव को सही तरीके से लागू करने के लिए कुछ ज़रूरी बातों पर गंभीरता से ध्यान देना होगा, जैसे:
- यूजर का अनुभव आसान हो.
- लोगों के बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा के लिए कड़े नियम हों.
- इस तकनीक का इस्तेमाल करने से पहले यूजर की सहमति ली जाए.
- देश में इसे सपोर्ट करने के लिए तकनीकी ढांचा (Infrastructure) तैयार हो.
UPI का बढ़ता दबदबा और एक्सपर्ट्स की राय
UPI भारत में बहुत तेज़ी से लोकप्रिय हुआ है. रिज़र्व बैंक (RBI) की जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, UPI के जरिए एक महीने में 18.39 अरब लेन-देन हुए, जिनकी कुल कीमत 24.03 लाख करोड़ रुपये थी. जैसे-जैसे UPI का इस्तेमाल बढ़ रहा है, इसे और सुरक्षित बनाना ज़रूरी हो गया है.
इस बारे में NPCI ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है. उन्होंने न तो इस खबर की पुष्टि की है और न ही इसे नकारा है.
कैशफ्री पेमेंट्स के CEO आकाश सिन्हा का मानना है कि बायोमेट्रिक वाला UPI, भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में अगला बड़ा कदम है. वह कहते हैं, "इससे पिन डालने का झंझट खत्म होगा और पेमेंट बहुत तेज़ हो जाएंगे. सबसे ज़रूरी बात यह है कि हर ट्रांजैक्शन सिर्फ डिवाइस से नहीं, बल्कि सीधे व्यक्ति से जुड़ेगा. भविष्य के पेमेंट ऐसे ही होंगे, जहां टेक्नोलॉजी, पहचान और भरोसा एक साथ मिलेंगे."













QuickLY