UP: यूपी पुलिस संविदा भर्ती का पत्र वायरल, पुलिस ने दी सफाई, अखिलेश यादव ने घेरा

लखनऊ, 13 जून : उत्तर प्रदेश पुलिस में लिपिक संवर्ग में संविदा पर भर्ती के प्रस्ताव से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसे लेकर सियासत गरमा गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल खड़े किए और कहा कि भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे. हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस की सफाई भी आई है. पुलिस भर्ती का पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. विभागीय गलती से जारी हुए पत्र के कारण पुलिस की खूब किरकिरी हुई. वायरल पत्र को लेकर विभाग को सफाई देनी पड़ी.

पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों काे आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की व्यवस्था है. इसे लेकर पत्र जारी किया जाना था, लेकिन त्रुटिवश लिपिक संवर्ग की संविदा पर भर्ती के विचार संबंधी पत्र जारी हो गया. उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखकर इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और सरकार पर भी निशाना साधा है. यह भी पढ़ें : हर कलाकार को उसे मिलने वाले पारिश्रमिक को लेकर पुन: विचार करना चाहिए: करण जौहर

उन्होंने लिखा कि उप्र में भाजपा सरकार ने ‘पुलिस व्यवस्था’ के प्रति लापरवाही भरा नजरिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है. ठेके पर पुलिस होगी तो न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा. भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाकायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है? पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनाने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाजे से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है. अपने आरोप के आधार के रूप में वो कोरोना वैक्सीन बनाने वाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे भाजपा ने नियम विरुद्ध जाते हुए, वैक्सीन बनाने वाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की.

उन्होंने आगे लिखा, पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की ख़बर से और भी उबाल आ गया है. आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और उप्र के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए. भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे.

ज्ञात हो कि जो सोशल मीडिया पर पत्र वायरल हो रहा है उसमें लिखा है कि पुलिस विभाग में लगातार काम में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में लिपिकों की संख्या कम होने से काम प्रभावित हो रहा है. ऑफिसियल काम जल्द पूरा किया जा सके, इसके लिए लिपिकों की भर्ती जल्द किया जाना आवश्यक है. ऐसे में आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिये जाने पर विचार किया जा रहा है.