लखनऊ: लोकसभा में अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी गई है. जिस विधेयक का बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने स्वागत किया है. लेकिन इन्होंने आरक्षण को लेकर एक नया दांव खेल दिया है. मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुसलमानों पर भी डोरे डालने के लिए केंद्र सरकार से गरीबी के आधार पर उन्हें आरक्षण दिए जाने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में इस बिल को पास होने के बाद राज्यसभा में भी पास हो जाएगा. वही मायावती ने आगे मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में गरीब मुसलमानों की हालत बहुत खराब है. इसलिए इस वर्ग को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए. वही उन्होंने कहा की उच्च वर्ग के लोगों को भी यदि गरीबी के आधार पर आरक्षण दी जाती है तो मैं सबसे पहले इसका स्वागत करूंगी
We expect that the Schedule Caste and Schedule Tribes (Prevention of Atrocities) Amendment Bill, 2018, that has been passed in Lok Sabha, will also be passed in Rajya Sabha. Although the Bill was implemented late our party welcomes it: Mayawati, BSP Chief pic.twitter.com/YV6EVZxLK5
— ANI (@ANI) August 7, 2018
दलितों के लिए लोकसभा पारित इस विधेयक को लेकर मायावती का कहना है कि इस बिल में संशोधन के लिए उन्होंने सबसे पहले आवाज उठाई थी. जिसका आज नतीजा है कि सरकार को इस विधेयक में संशोधन करना पड़ा.
गौरतलब हो कि आगामी लोकसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी है. ऐसे में मायावती ने दलितों को रिझाने के बाद मुसलमानों को भी गरीबी के आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग की है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की इनकी मांग कही ना कही चुनाव को देखते हुए है. ताकि वे मुस्लिम जो इनसे दूर हो गए है वे बीएसपी के पास आ जाए और प्रदेश में खोया हुआ इनका जनाधार एक बार फिर से वापस आ सके .