Uttar Pradesh: शाहजहांपुर में नि:संतान दंपति ने बछड़े को लिया गोद, मुंडन के कार्यक्रम में लोगों को दिया निमंत्रण

भारत एक ऐसा देश है जहां पर गाय को मां का दर्जा दिया जाता है. यहां की पूजा भगवान की भांति होती है. लोग आदर और सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. लेकिन आपको यकीन होगा कि कोई गाय के बछड़े को अपना बेटा बना लें. हैरान कर देने वाला यह मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर जिले (Shahjahanpur District) का है. जहां पर एक निसंतान दंपत्ति (Childless Couple) ने बछड़े (Calf ) को गोद लेने के बाद उन्होंने उसका एक मुंडन समारोह (Mundan Ceremony) का आयोजन किया. इस मुंडन समारोह में बड़ी संख्या में लोगों को निमंत्रण दिया और लोग उसमें शामिल भी हुए. इस दौरान पंडित ने पूरे रीतिरिवाज से पूजा अर्चना की और मां-पिता और बेटे बछड़े को आशीर्वाद दिया.

बछड़े का मुंडन समारोह का आयोजन किया गया ( फोटो क्रेडिट- आईएएनएस )

शाहजहांपुर:- भारत एक ऐसा देश है जहां पर गाय को मां का दर्जा दिया जाता है. यहां की पूजा भगवान की भांति होती है. लोग आदर और सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. लेकिन आपको यकीन होगा कि कोई गाय के बछड़े को अपना बेटा बना लें. हैरान कर देने वाला यह मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर जिले (Shahjahanpur District) का है. जहां पर एक निसंतान दंपत्ति (Childless Couple) ने बछड़े (Calf ) को गोद लेने के बाद उन्होंने उसका एक मुंडन समारोह (Mundan Ceremony) का आयोजन किया. इस मुंडन समारोह में बड़ी संख्या में लोगों को निमंत्रण दिया और लोग उसमें शामिल भी हुए. इस दौरान पंडित ने पूरे रीतिरिवाज से पूजा अर्चना की और मां-पिता और बेटे बछड़े को आशीर्वाद दिया.

बता दें कि दंपति विजयपाल और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी को शादी के 15 साल तक बच्चा नहीं हुआ. लेकिन संतान के गम रहने के बजाय इन्होने एक अनोखी खुशी को गला लगा लिया. दंपति विजयपाल ने बछड़े को अपने बेटे के रूप में अपनाया है. उन्होंने उसका नाम लाल्टू रखा है. उन्होंने बताया कि लाल्टू की मां (गाय) को उनके पिता ने पाला था. जिसे घर में बड़े सम्मान से रखा गया था. काफी समय साथ रहने के बाद गाय की मौत हो गई. जिसके बाद बछड़ा लाल्टू अनाथ हो गया. फिर उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर फैसला लिया कि वो बछड़े लाल्टू को अपने पुत्र की तरह रखेंगे. Uttar Pradesh: कानपुर में 3 साल के बच्चे ने बिस्तर में कर दिया पेशाब तो बाप ने जमीन पर पटकर मार डाला. 

दंपति विजयपाल और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी बछड़े को गोद लेने के बाद उन्होंने उसका एक मुंडन समारोह का आयोजन किया. आयोजन गोमती नदी के किनारे रखा गया. इस दौरान अपने आसपास और रिश्तेदारों को उन्होंने निमंत्रण दिया. पंडित ने पूजा कराया और बछड़े का नाम लाल्टू रखा. इस अनोखे कार्यक्रम में शामिल होने वाले मेहमानों अपने साथ गिफ्ट भी लेकर आए. उसके बाद दंपति विजयपाल और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी की तरफ से लोगों को दावत भी दिया गया.

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