बाराबंकी (यूपी), 10 सितम्बर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर बाराबंकी जिले में भड़काऊ भाषण के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया है. ओवैसी ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस साल की शुरूआत में एक सदी पुरानी मस्जिद को 'शहीद' कर दिया था. यह भी पढ़े: Rajya Sabha Elections: 2 सीटों के लिए कांग्रेस में कई उम्मीदवार, सभी को बनना है सांसद
पुलिस ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद ने कहा कि ओवैसी पर गुरुवार रात भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, 188, 169 और 170 के साथ महामारी रोग अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और बैठक के लिए निर्धारित शर्तों के तहत मामला दर्ज किया गया. इससे पहले गुरुवार को बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने रामसनेही घाट में उस मस्जिद का जिक्र किया जिसे प्रशासन ने मई में गिरा दिया था.
उन्होंने कहा, "बाराबंकी में एक 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद हो गई. उन्होंने प्रशासन पर विध्वंस में कानून का पालन नहीं करने का आरोप लगाया और घटना के खिलाफ न बोलने के लिए विपक्षी दलों पर हमला किया. "एआईएमआईएम नेता ने इसे 'राजनीतिक विध्वंस' कहा. बाराबंकी प्रशासन ने इस साल मई में, किसी भी मस्जिद का उल्लेख किए बिना, विध्वंस करने के बाद कहा था कि राम सनेही घाट तहसील परिसर में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट निवास के सामने एक 'अवैध आवासीय परिसर' स्थित था. एसपी ने कहा कि अपनी टिप्पणियों के माध्यम से कि प्रशासन ने एक 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया और मलबे का निपटारा किया, ओवैसी ने "एक विशेष समुदाय को उकसाया और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की. "