लखनऊ: विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले यूपी सरकार (UP Government) ने किसानों (Farmers) की बिजली दरों को आधी करने का फैसला लिया है. प्रस्तावित नई दरों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र में मीटर्ड कनेक्शन पर अभी जहां 2 रुपये यूनिट की दर से बिल देना होता है, वहीं अब मात्र 1 रुपये यूनिट देना होगा. इसके फायदा 13 लाख किसानों को होगा. नए निर्णय के बारे में गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी. इस नई व्यवस्था से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) पर लगभग रुपए 1000 करोड़ प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने यूपीपीसीएल को अनुदान देने का फैसला किया है. UP Assembly Election 2022: चुनाव आयोग ने जारी की सूची, यूपी में 52 लाख से ज्यादा नए वोटर जुड़े
योगी सरकार ने किसानों के लिए बिजली दरों में 50 फीसदी छूट देने का निर्णय लिया है. चालू माह से ग्रामीण क्षेत्र में मीटर्ड, अनमीटर्ड, एनर्जी एफिशियन्ट पम्प और शहरी क्षेत्रों के मीटर्ड नलकूपों के इस्तेमाल पर बिजली बिल की रकम वर्तमान की तुलना में आधी हो जाएगी.
अनुमान के मुताबिक, बिजली बिल में छूट की इस नई व्यवस्था से उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड पर लगभग रुपये 1000 करोड़ प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने यूपीपीसीएल को अनुदान देने का फैसला किया है. सरकार से अनुदान मिलने के बाद बिजली दरों में बदलाव होगा. प्रस्तावित नई दरों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में मीटर्ड कनेक्शन पर अभी जहां 2 रुपये यूनिट की दर से बिल देना होता है, वहीं अब मात्र 1 रुपये यूनिट देना होगा. इस कनेक्शन के लिए फिक्स चार्ज 70 रुपये की जगह 35 हॉर्स पॉवर लगेगा.
इसी तरह, अनमीटर्ड कनेक्शन के लिए फिक्स चार्ज 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर की जगह 85 रुपये की दर से देय होगा. वहीं, एनर्जी एफिशियन्ट पम्प के लिए अभी जहां 1.65 रुपये यूनिट की दर से (फिक्स चार्ज 70 रुपये हॉर्सपावर) चार्ज लगता है, वहीं किसानों को अब मात्र 0.83 रुपये यूनिट (फिक्स चार्ज 35 रुपये हॉर्सपावर) ही देना होगा. वहीं शहरी क्षेत्र के मीटर्ड कनेक्शन वाले निजी नलकूपों के लिए 6 रुपये यूनिट की दर (फिक्स चार्ज 130रुपए हॉर्सपावर) की जगह किसानों को अब मात्र 3 रुपये यूनिट (फिक्स चार्ज 65 रुपये हॉर्सपावर) ही देना होगा. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से निजी नलकूप के लगभग 13 लाख उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा.
प्रदेश सरकार के इस फैसले से किसानों की खेती की लागत में कमी आने की उम्मीद है और आय बढ़ाने भी बढ़ेगी. लंबे समय से राज्य में किसानों की बिजली दरें कम करने की मांग उठ रही थी. यूपी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया, जबकि तमाम राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल होने पर छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों की बिजली दर को कम करने और मुफ्त करने की घोषणाएं कर रहे हैं.
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद पिछले कई महीनों से राज्य के 13 लाख किसानों की बिजली फ्री करने की मांग कर रहा था. इसके लिए परिषद ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को प्रस्ताव भी दिए थे.
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक जनवरी को एलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह 300 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त देंगे. इसके साथ ही किसानों की पूरी सिंचाई मुफ्त में होगी. राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में बिजली को अहम मुद्दा बना रहे थे. इससे पहले दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया था. वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी सत्ता में आने पर बिजली का बिल हाफ करने का वादा किया है.