UP Assembly Election 2022: कांग्रेस सीईसी की बैठक खत्म, 40 उम्मीदवारों के नाम पर बनी सहमति
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस इस चुनाव के जरिए राज्य में अपनी खोई सियासी जमीन पाने करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर-शोर से चुनावी अभियान चला रही हैं.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक गुरुवार को हुई. वर्चुअल तौर पर आयोजित इस सीईसी में करीब 40 उम्मीदवारों के नाम तय किए गए. पिछली बैठक में 50 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगी थी. UP Assembly Election 2022: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा- वोट उन्हीं को दीजिए जो आपको वाकई सशक्त बनाते हैं
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस इस चुनाव के जरिए राज्य में अपनी खोई सियासी जमीन पाने करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर-शोर से चुनावी अभियान चला रही हैं. गुरुवार को ही उन्होंने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर राम मंदिर के नाम पर बीजेपी पर चंदे की जमीन पर घोटाला करने के बड़े आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों से यूपी में केवल कांग्रेस पार्टी जमीन पर संघर्ष कर रही है.
इससे पहले प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 प्रतिशत आरक्षण देने का बड़ा ऐलान किया था. उम्मीद लगाई जा रही है अब तक तय किए गए उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं के नाम बड़ी संख्या में शामिल होंगे. हालांकि जानकार यह मानते हैं की पार्टी में टिकट मांगने वाले ज्यादातर उम्मीदवार पुरुष हैं, ऐसे में महिला उम्मीदवारों की दावेदारी कितनी सफल हो पाती है यह देखना होगा.
गौरतलब है कि यूपी की सत्ता से करीब तीन दशक से दूर रही कांग्रेस की खोई जमीन वापस पाने के लिए प्रियंका प्रयास कर रही हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की 403 सीटों में केवल सात सीटें जीत सकी थीं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही रायबरेली में जीत मिली थी. जबकि राहुल गांधी अपनी अमेठी की सीट भी नहीं बचा पाए थे. जिसके 2 साल के बाद पिछले सप्ताह राहुल गांधी ने अपने पुराने संसदीय क्षेत्र अमेठी का दौरा किया.