उन्नाव में पिछले साल ऊंची जाति के लोगों द्वारा आग लगाए जाने के बाद मारी गई दुष्कर्म पीड़िता के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पीड़िता के छह वर्षीय भतीजे के लापता होने के बाद उन्हें निलंबित किया गया। मामले की जांच करने शनिवार को उन्नाव गईं इंस्पेक्टर जनरल (लखनऊ रेंज) लक्ष्मी सिंह ने गनर नरेंद्र कुमार यादव, कांस्टेबल राजेश कुमार और महिला कांस्टेबल अनुज को निलंबित करने का आदेश दिया है. यह घटना शुक्रवार देर रात हुई, जिसके बाद परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बच्चे का पता लगाने के लिए जांच और तलाशी अभियान जारी है.
शिकायत में कैप्टन बाजपेयी, सरोज त्रिवेदी, अनीता, सुंदरा लोध और हर्षित बाजपेयी का नाम शामिल हैं. सभी एक ही गांव के हैं और दुष्कर्म पीड़िता के मामले के आरोपियों के रिश्तेदार हैं. गौरतलब है कि मामले में आरोपी शुभम और शिवम त्रिवेदी, हरि शंकर, उमेश और राम किशोर हैं.
दुष्कर्म पीड़िता को 5 दिसंबर, 2019 को कथित तौर पर जिंदा आग के हवाले कर दिया गया था. आग में गंभीर रूप से जलने के कारण उसे इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया था, जहां उसने एक दिन बाद ही दम तोड़ दिया.
दुष्कर्म पीड़िता अपने वकील से मिलने के लिए रायबरेली जाने के लिए ट्रेन में चढ़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर जा रही थी, तभी बेल पर बाहर आए आरोपियों ने उसे जिंदा आग के हवाले कर दिया था.
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने कहा, "तीन पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, इसके अलावा बिहार पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 364 के तहत मामला दर्ज किया गया है और लापता बच्चे को बरामद करने के लिए बिहार, बरसागवार, पुरवा, मौरवन और बीघापुर सहित पांच पुलिस स्टेशनों की टीमों को लगाया गया है. हम जल्द ही बच्चे के बरामद होने की उम्मीद कर रहे हैं."