उन्नाव: जिलाधिकारी (District Magistrate) देवेंद्र पांडेय (Devendra Pandey) अचानक सिकंदरपुर सरौसी के एक सरकारी जूनियर हाई स्कूल में निरीक्षण पर गए थे, इस दौरान उन्होंने जब इंग्लिश की टीचर को किताब से कुछ लाइनें पढ़ने को कहा, लेकिन टीचर किताब पढ़ने में नाकामयाब रही. वो इस घटना से हैरान रह गए कि जब इंग्लिश की टीचर को अंग्रेजी पढ़ना नहीं आता तो बच्चों को क्या आता होगा. डीएम ने पहले कुछ बच्चों को उनकी अंग्रेजी किताब पढ़ने के लिए कहा, जब बच्चे नहीं पढ़ पाए तो उन्होंने बच्चों के अंग्रेजी टीचर से किताब पढ़ने को कहा, जिसके बाद टीचर की पूरी असलियत सामने आ गई. टीचर की सच्चाई पता चलने के बाद डीएम ने तुरंत सस्पेंड करने का आदेश दिया.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ये अंग्रेजी की टीचर हैं और इन्हें अंग्रेजी ही पढ़ना नहीं आता, टीचर जब एक्स्प्लेंशन देने की कोशिश करती है तो देवेंद्र पांडेय जी ने कहा तो क्या हुआ आप ग्रेजुएट हैं, मैंने आप से ट्रांसलेशन करने को नहीं कहा, मैंने सिर्फ आपको पढ़ने के लिए कहा था. कथित तौर पर डीएम ने एक और शिक्षिका को पढ़ने के लिए कहा, लेकिन उसने घर में चश्मा भूल आने कारण बताया. जिसके बाद नाराज डीएम ने शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए.
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ये घटना सामने तब आई जब डीएम ने कक्षा 8 के छात्रों से बातचीत की और उन्हें किताबा पढ़ने को कहा, जब वे नहीं पढ़ पाए तो शिक्षक को बुलाया. यह घटना मिड-डे मील शॉकर के कुछ ही दिनों बाद सामने आई है, जब सोनभद्र के एक प्राथमिक स्कूल में एक लीटर दूध में पानी मिलाकर 85 छात्रों पिलाया गया.