जींद: केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह सर्जिकल स्ट्राइक कार्यक्रम में शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित करने पहुंचे. इस समारोह में उन्होंने शहीदों की शहादत को लेकर ऐसा विवादित बयान दे दिया, जिससे शहीदों की वीरांगनाएं आहत हो गई. इस कार्यक्रम में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि 'फौजी रोज थोड़े ही मरते हैं बल्कि साल में एकाध ही सैनिक मरता है'. इसलिए मैं हरियाणा सरकार से अपील करूंगा कि शहीदों के परिवार वालों को 50 लाख रूपये की जगह 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री के इस विवादित बयान पर शहीद परिवारों की महिलाओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. केंद्रीय मंत्री के इस विवादित बयान से गुस्साई शहीदों की पत्नियों ने कहा कि एक तरफ सरकार फौज में युवाओं को भर्ती होने के लिए प्रेरित करती है और दूसरी तरफ ऐसे नेता शहीदों की शहादत को लेकर विवादित बयान दिए जा रहे हैं.
इन महिलाओं ने कहा कि ये मंत्री अपने बेटों को फौज में भर्ती करवाएं और उनकी शहादत दिलवाएं, तब उन्हें शहादत का असली मोल पता चलेगा. इसके साथ ही इन महिलाओं ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर मंत्रियों के बोल इसी तरह से बिगड़े रहेंगें तो वे भविष्य में शहीदों के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगी. यह भी पढ़ें: UN महासभा में पाकिस्तान का पलटवार, कहा आरएसएस है आतंकवाद के लिए जिम्मेदार
हालांकि इस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान बीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि सरकार ने फौजियों को वन रैंक वन पेंशन की बड़ी राहत दी है. उनकी सास स्व. कर्नल की पत्नी हैं, जिन्हें पहले 53 हजार रुपये पेंशन मिलती थी,लेकिन अब वन रैंक वन पेंशन के बाद उन्हें 84 हजार मिलते हैं.
उधर, इस कार्यक्रम में शामिल शहीदों की कुछ वीरांगनाओं का कहना है कि शहीदों के सम्मान के नाम पर सरकारें कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं, लेकिन शहीदों को सम्मान किसी भी सरकार ने नहीं दिया. यहां तक कि शहीदों के परिजनों को सैंकड़ों परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. यह भी पढ़ें: 1 अक्टूबर से लागू होंगे TRAI के नए नियम, कॉल ड्रॉप हुई तो मोबाइल ऑपरेटर कपंनियों पर लगेगा जुर्माना