नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को आम बजट (Union Budget 2020) पेश किया, जिसमें करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए आयकर (Income Tax) कानून को और सरल बनाया गया. साथ ही व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब (Tax Slab) में भी बदलाव करने का ऐलान किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि आने वाले समय में करदाताओं को दी जाने वाली छूट अंततः हटा दी जाएगी.
केंद्रीय बजट में करदाताओं को दिए गए विकल्प के बारे में बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार इरादा दरों को कम करने और संरचना को सरल बनाने पर था. बाद में सरकार सभी छूटों को धीरे-धीरे हटा सकेगी. दरअसल नए स्लैब से इनकम टैक्स देना सभी करदाताओं के लिए वैकल्पिक रखा गया है. Union Budget 2020: इस वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूरा नहीं पढ़ सकीं बजट का भाषण
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अभी के लिए जो लोग इसका लाभ उठाना चाहते हैं, वे पुरानी टैक्स पद्धति (स्लैब) का पालन कर सकते हैं. लेकिन करदाताओं को नए स्लैब में इनकम टैक्स देने पर पुराने टैक्स स्लैब की छूट को छोड़ना अनिवार्य है.
Significant relief to taxpayers. #janjankabudget #Budget2020 pic.twitter.com/Xif07sFr1c
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 1, 2020
वर्ष 2020-21 के लिए संसद में आज बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था, “नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी.” उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे आयकर कानून के अंतर्गत इस समय अधिक कटौतियां और छूट मिल रही हैं वह इनका लाभ उठा सकता है और पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान जारी रख सकता है.
वित्त मंत्रालय के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार जो वर्तमान में कानून के तहत और अधिक कटौतियां और छूटे ले रहा है, उनका लाभ उठाने का विकल्प दे सकता है और पुरानी व्यवस्था में कर का भुगतान करना जारी रख सकता है.
आज किए गए प्रावधानों के अनुसार, विकल्प का इस्तेमाल प्रत्येक पिछले वर्ष के लिए किया जा सकता है, जहां किसी व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की व्यवसाय से कोई आमदनी नहीं है और अन्य मामलों में यदि विकल्प का एक बार पिछले वर्ष के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है, तो वह पिछले वर्ष और उसके बाद के सभी वर्षों के लिए मान्य होगा. जबकि पिछले वर्ष अथवा पिछले वर्षों के लिए यह विकल्प अमान्य हो सकता है यदि व्यक्ति अथवा एचयूएफ लागू होने वाले कानून की शर्तों और अन्य प्रावधानों को पूरा करने में विफल रहता है.