मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जयपुर के एक कवि बप्पादित्य सरकार (Bappadittya Sarkar) ने आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस ने उनसे बुधवार रात को केवल इसलिए दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की, क्योकि उन पर एक उबर (Uber) ड्राइवर ने शाहीन बाग (Shaheen Bagh) विरोध प्रदर्शन के समर्थन में बात करने का आरोप लगाया.
मिली जानकारी के मुताबिक 23 वर्षीय सरकार मुंबई काला घोड़ा महोत्सव (Kala Ghoda Festival) में भाग लेने के लिए 3 फरवरी को मुंबई आया था. बुधवार रात 11 बजे जुहू से कुर्ला तक जाने के लिए उबर कैब किराए पर ली. इस दौरान जयपुर से उसके एक दोस्त का फोन आया, और तभी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर बातचीत हुई. सुप्रीम कोर्ट शाहीन बाग में प्रदर्शन के खिलाफ याचिकाओं पर सोमवार को करेगा सुनवाई
Mumbai Police: An Uber driver y'day took a passenger to Santacruz Police station&said that passenger is an anti-national as he was talking about Shaheen Bagh kind of protests&other incidents in Mumbai.Police recorded statements of both but found nothing suspicious so let both go. pic.twitter.com/aLljhbZxZF
— ANI (@ANI) February 7, 2020
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उबर ड्राइवर ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा “यह (बप्पादित्य सरकार) देश जलने की बात कर रहे थे. वो बोल रहे थे कि देश को शाहीन बाग बना देंगे.” उधर, उबर इंडिया ने अपने ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
कम्युनिस्ट नेता कविता कृष्णन ने उबर से की शिकायत-
Last night, poet @Bappadittoh had a scary episode in Mumbai, at the hands of an @Uber driver and @MumbaiPolice cops (see screenshots): a glimpse of scary India under NPR NRC CAA, where every person will be incentivised to suspect & turn in others & police can harass everyone. pic.twitter.com/OOKUB58BxK
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) February 6, 2020
मुंबई पुलिस ने बताया कि एक उबर ड्राइवर ने रविवार को एक यात्री को सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में ले गया और कहा कि यात्री एक राष्ट्र-विरोधी है क्योंकि वह मुंबई में शाहीन बाग के विरोध और अन्य घटनाओं के बारे में मोबाइल पर बात कर रहा था. हालांकि पुलिस ने दोनों के बयान दर्ज किए, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिलने पर जाने दिया.