ट्विटर इंडिया पर लगा पक्षपात का आरोप, संसदीय समिति ने अधिकारियों को भेजा समन
ट्विटर(Twitter) के खिलाफ यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी ने ट्विटर के खिलाफ दिल्ली में एक प्रदर्शन किया गया था. इस संगठन द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि "पिछले कुछ महीनों से ट्विटर और फेसबुक व्यवस्थित रूप से ऐसे लोगों की वैचारिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो गैर-वामपंथी विचारधारा वाले सदस्यों के रुप में जाने जाते हैं.
नई दिल्ली: ट्विटर इंडिया (Twitter) को लेकर अभी कुछ महीने पहले की बात है लोगों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगा था. वहीं सोशल मीडिया (Social Media) के सबसे बड़े प्लेटफार्म के बारे में एक बार फिर से इस तरह का आरोप आरोप लगा है. इस आरोप के बाद ट्विटर इंडिया को संसदीय समिति की तरफ से समन भेजा गया है. दरअसल लोगों का आरोप है कि पिछले कुछ महीनों से ट्विटर और फेसबुक व्यवस्थित रूप से ऐसे लोगों की वैचारिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो गैर-वामपंथी विचारधारा वाले सदस्यों के रुप में जाने जाते हैं. उनके हैंडल को निलंबित करके, उनकी पहुंच को प्रतिबंधित करने की कोशिश की जा रही है.
ट्विटर इंडिया पर लगे इस आरोप के बाद दिल्ली के रहने वाले एक वकील जिनका नाम ईशकरन सिंह भंडारी (Ishkaran Singh Bhandari) है उन्होंने पिछले महीने गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मुलकात किया था. उन्होंने ट्विटर इस पक्षपात लेकर एक आवेदन दिया था. जिसके बाद ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को यह समन भेजा गया है. यह भी पढ़े: ट्विटर ने तीसरी तिमाही में 90 लाख यूजर्स खोए, फोर्चुन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इस समन को सूचना और तकनीकी मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) की तरफ से ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजा है. जिसके बाद अधिकारियों को संसदीय समिति पेश होना पड़ेगा. दरअसल ट्विटर इंडिया पक्षपात करने को लेकर अनुराग ठाकुर के पास भी लोगों की तरफ से एक ज्ञापन सौंपा गया था.
बता दें कि ट्विटर पर पहले ही अजीबोगरीब तरीके से ट्विटर हैंडलों को निलंबित करने का आरोप लगाया जा चुका है. इससे पहले भी ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी पर 'घृणा भड़काने' का आरोप लग चुका है. जब वह एक तस्वीर का हिस्सा बने जिसमें एक व्यक्ति के हाथ में तख्ती थी जिस पर लिखा हुआ था 'ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ो’.