पाकिस्तान का साथ देकर भारतीयों के निशाने पर आए तुर्की और अजरबैजान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

भारत के हवाई हमलों के बाद भारतीयों के लिए लोकप्रिय बजट हॉलिडे डेस्टिनेशन तुर्की और अजरबैजान ने इस्लामाबाद का समर्थन करते हुए बयान जारी किए थे. जिसके बाद भारतीय पर्यटक इन दोनों देशों की यात्रा रद्द कर रहे हैं.9 मई को ऑपरेशन सिंदूर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना ने कहा था अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सियाचिन से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर लगभग 300-400 ड्रोनों के साथ ड्रोन घुसपैठ की कोशिश की गई. सेना ने बताया था कि ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है. सेना ने कहा था कि प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की से आए एसिसगॉर्ड सोनगार ड्रोन्स थे. पाकिस्तान पर भारतीय हवाई हमले के कुछ दिन बाद तुर्की वायुसेना का सी-130 विमान पाकिस्तान में उतरा था. तब तुर्की ने इसे ईंधन भरने से जोड़ा था.

भारत और पाकिस्तान के बीच जब सैन्य टकराव जारी था तब तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने 7 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की. इसमें उन्होंने पाकिस्तान और पाक प्रशासित कश्मीर में नौ 'कथित' आतंकवादी ठिकानों पर भारत के हमले के बाद पाकिस्तान से अपनी एकजुटता व्यक्त की. उनके कार्यालय ने एक बयान से पता चला था कि फोन कॉल के दौरान एर्दोआन ने शरीफ से कहा कि इस संकट के दौरान तुर्की पाकिस्तान की "शांत और संयमित नीतियों" का समर्थन करता है.

सैन्य हमले के पहले 22 अप्रैल को जब पहलगाम में हमला हुआ तो शरीफ तुर्की में थे. उस समय उन्होंने एर्दोआन से मुलाकात की थी और रक्षा सहयोग पर चर्चा की थी.

तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ भारतीयों का गुस्सा

दोनों देशों के बीच तनाव के दौरान तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी किया था. बयान के मुताबिक, "बिना किसी उकसावे के भारत की आक्रामकता से पाकिस्तान की स्वायत्तता का उल्लंघन हुआ और इसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए हैं." बयान में कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर ने "पूरी तरह से युद्ध का खतरा" बढ़ा दिया है.

इसी तरह से भारत की सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने भी इस्लामाबाद का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया था. बयान में कहा गया था, "पाकिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, हम निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं." अजरबैजान की तरफ से दोनों देशों से राजनयिक माध्यमों से संघर्ष खत्म करने की मांग की गई थी.

पाकिस्तान और तुर्की के रक्षा संबंध

भारत द्वारा तुर्की के ड्रोनों का नाम लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि माना जाता है कि पाकिस्तान के पास चीनी रक्षा उपकरणों का मजबूत भंडार है. हाल के सालों में संस्थागत तंत्र और बढ़ते संयुक्त अभ्यासों के जरिए तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा साझेदारी गहरी हुई है. टेक्नॉलजी ट्रांसफर प्रावधानों के साथ प्रमुख रक्षा सौदों ने पाकिस्तान की क्षमताओं को बढ़ाया है. पाकिस्तान वायु सेना को अंकारा में तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (टीएआई) से एफ-16 फाइटिंग फाल्कन जेट विमानों की डिलीवरी मिल रही है. अगस्त 2023 में उद्घाटन किए किए गए पाकिस्तान के राष्ट्रीय एयरोस्पेस विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क (एनएएसटीपी) ने रिसर्च और डेवलेंपमेंट के लिए तुर्की ड्रोन निर्माता बायकर के साथ एक सहयोग समझौता किया है.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) के व्यापार डाटा के मुताबिक, पाकिस्तान ने 2021 में तुर्की से तीन बायराक्टार टीबी-2 सशस्त्र यूएवी का ऑर्डर दिया और उन्हें 2022 में हासिल किया.

तुर्की और अजरबैजान का इस तरह से पाकिस्तान के साथ खड़ा होना भारतीयों को नागवार लग रहा है और वे इन दोनों देशों के बहिष्कार का एलान कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग इन देशों के बहिष्कार को लेकर पोस्ट भी कर रहे हैं.

तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार

भारत की कम से कम दो ट्रैवल बुकिंग कंपनियों ने कहा है कि तुर्की और अजरबैजान के लोकप्रिय रिसॉर्ट्स के लिए भारतीय पर्यटक अपनी छुट्टियां रद्द कर रहे हैं, क्योंकि इन देशों ने नई दिल्ली के साथ हाल ही में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था.

'मेक माई ट्रिप' के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि एक हफ्ते में यात्रा रद्द करने में 250 फीसदी की वृद्धि हुई है."

वहीं 'ईजमाईट्रिप' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने कहा कि "हालिया भू-राजनीतिक तनावों के कारण" प्लेटफॉर्म ने तुर्की के लिए 22 प्रतिशत और अजरबैजान के लिए 30 फीसदी रद्दीकरण देखा है.

एक और टिकटिंग कंपनी इक्सिगो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि वह तुर्की, अजरबैजान और चीन के लिए उड़ान और होटल बुकिंग को निलंबित कर रहा है. पिट्टी ने कहा, "जब ये देश खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं, तो क्या हमें उनके पर्यटन और उनकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिए?"

भारतीय नेताओं ने भी पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई करने के लिए तुर्की की आलोचना की है. शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अंकारा के पर्यटन विभाग के एक कथित बयान की निंदा की, जिसमें भारतीयों से तुर्की की "किसी भी यात्रा को स्थगित या रद्द न करने" का आग्रह किया गया था. अंकारा के पर्यटन विभाग के बयान को शेयर करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा, "नहीं तुर्की, भारतीय ऐसे देश में पर्यटन पर पैसा खर्च करने नहीं आएंगे जो पाकिस्तान को हथियार देने के लिए उसी का इस्तेमाल करता है. हमारा पैसा खून का पैसा नहीं है."

वहीं पूर्व पुलिस प्रमुख प्रकाश सिंह ने तर्क दिया कि भारत को तुर्की के साथ अपने संबंधों को "पुनर्परिभाषित" करना चाहिए. उन्होंने एक्स पर लिखा, "किसी भी भारतीय एयरलाइन और तुर्की एयरलाइन के बीच रूट-शेयरिंग पर कोई भी समझौता समाप्त किया जाना चाहिए."

भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से आयातित सेबों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. पुणे में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) बाजार के एक सेब व्यापारी सुयोग जेडे ने एएनआई से कहा, "हमने तुर्की से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है और इसके बजाय हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब खरीदना पसंद कर रहे हैं. यह फैसला हमारे देशभक्ति के कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति समर्थन के अनुरूप है."

भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से क्या असर पड़ेगा

तुर्की और अजरबैजान भारत में हो रहे थे काफी लोकप्रिय

हाल के सालों में तुर्की और अजरबैजान दोनों ही भारतीय पर्यटक के बीच लोकप्रिय ठिकाना बनकर उभरे हैं. तुर्की में तो कई भारतीय फिल्मों की शूटिंग भी होती आई है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज ने भारतीय फिल्म समुदाय से अपील की है कि वे भविष्य में तुर्की में किसी भी फिल्म की शूटिंग न करें. फेडरेशन का कहना है कि भारत और पाकिस्तान बीच तनाव बढ़ने के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया. इससे पहले फेडरेशन ने पहलगाम हमले के बाद भी पाकिस्तानी अभिनेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया था.

हाल के वर्षों में तुर्की और अजरबैजान की राजधानी बाकू की यात्रा की मांग में उछाल दर्ज की गई है. तुर्की के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल 3,30,000 भारतीयों ने तुर्की की यात्रा की, जबकि 2014 में यह संख्या 1,19,503 थी.

इसी तरह से अजरबैजान ने भारतीय यात्रियों को अपनी ओर खींचा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां 2014 में सिर्फ 4,853 भारतीय अजरबैजान गए थे, वहीं 2024 में भारतीय पर्यटकों की संख्या बढ़कर 2,43,589 हो गई.

व्यापार पर पड़ेगा असर?

अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान भारत का तुर्की को निर्यात 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 6.65 अरब डॉलर था. यह भारत के कुल 437 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात का केवल 1.5 प्रतिशत है. अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान अजरबैजान को भारत का निर्यात केवल 8.6 करोड़ डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 8.9 करोड़ डॉलर था. यह भारत के कुल निर्यात का मात्र 0.02 प्रतिशत है.

भारत तुर्की से संगरमरमर, सोना, सब्जी, सेब, सीमेंट और केमिकल का आयात करता है, जबकि वह उसे लोहा, प्लास्टिक, रबड़, स्टील आदि उत्पाद निर्यात करता है. वहीं अजरबैजान से भारत जानवरों का चारा, चमड़ा और कच्चा तेल आयात करता है. जबकि वह उसे तंबाकू, चाय, कॉफी, कागज और रबड़ जैसे उत्पाद निर्यात करता है.