नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा, यह सर्वविदित है कि पाक आतंकवाद का केंद्र है. पाक सूचीबद्ध आतंकवादियों, अंतर्राष्ट्रीय रूप से नामित आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों, जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों का सबसे बड़ा घर है. संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में विदेश में आतंकवादी हमलों में पाक की भागीदारी को दोहराया. टीएस तिरुमूर्ति ने रिपोर्ट का हवाला देकर कहा, पाकिस्तान के आतंकियों की अफगानिस्तान में उपस्थिति है जो वहां आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं.
एनालिस्ट सपोर्ट और प्रतिबंधों की निगरानी करने वाली टीम ने अपनी हालिया रिपोर्ट मे इन आतंकी घटनाओं में पाक की प्रत्यक्ष भागीदारी बताई है. यह टीम ISIL,अल-कायदा की आतंकवादी गतिविधियों पर समय-समय पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है.
टीएस तिरुमूर्ति ने बताया इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों के नेतृत्व में हैं. रिपोर्ट में अल-कायदा के नेता के नाम का उल्लेख किया गया है जो पाक नागरिक है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इन संस्थाओं के लिए नेतृत्व और फंडिंग पाकिस्तान से ही प्राप्त होता है.
आतंक के मुद्दे पर पाक को घेरा
It's a well-known fact that Pak is nerve centre of terrorism. Pak is home to largest no. of listed terrorists, internationally designated terrorist entities & individuals, incl Jamaat-ud-Dawah, Lashkar-e-Taiba, JeM & Hizbul Mujahideen: TS Tirumurti, Permanent Rep. of India to UN pic.twitter.com/H8yJMkWPuc
— ANI (@ANI) August 4, 2020
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को शामिल करने के प्रयास का सफल नहीं हुआ है और भारत द्वारा हर मोड़ पर इसका दृढ़ता से खंडन किया गया है. तिरुमूर्ति ने कहा, मई में जारी एक रिपोर्ट में, यह उल्लेख किया गया है कि पाक में स्थित आतंकवादी संगठन जेईएम और एलईटी की अफगानिस्तान में आतंकवादियों के साथ उपस्थिति लगातार जारी है और वे वहां आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में शामिल हैं.
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि पाक में करीब 40,000 आतंकी मौजूद हैं.तिरुमूर्ति ने कहा कि पाक द्वारा द्वीपक्षीय मुद्दे का अतंरराष्ट्रीयकरण किया जाना कोई नई बात नहीं है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने जो कहा है, उसके विपरीत, 1965 से भारत-पाक मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है. हाल ही में जो कुछ सामने आया वह पूरी तरह से अनौपचारिक बैठक थी, जो कि एक रिकॉर्डेड चर्चा नहीं है.