ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल का 8वां दिन जारी: अगर यहां से लेते है सामान तो हो जाए सावधान क्योंकि डिलीवरी है ठप
ट्रक हड़ताल (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल से कारोबार पर बड़ा असर पड़ा है. ऐसे में आनेवाले दिनों में और भी तकलीफ हो सकती है. हालांकि अब तक इस मसले का कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है. बता दें कि हड़ताल की वजह से इंटरस्टेट सप्लाई थम गई है, जिसकी वजह से अमेजन और स्नेपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की डिलीवरी प्रभावित हुई है. वहीं रूई, सब्जी और अनाज के ट्रांसपोर्टेशन पर भी बड़ा असर पड़ा है. अमेजन और फ्लिपकार्ट पर ये असर इसलिए भी ज्यादा पड़ा है, क्योंकि दोनों ही ई कॉमर्स वेबसाइट के सालाना सेल के अगले ही दिन 20 तारीख को ट्रक ऑपरेटर्स ने हड़ताल कर दी.

स्नैपडील पर भी ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल का असर पड़ा है. स्नैपडील का कहना है कि हड़ताल से उत्तरी और पश्चिमी भारत के ऑर्डर्स की डिलीवरी प्रभावित हुई है. ट्रकों की देशव्यापी हड़ताल का लंबा खिंचना न केवल आम लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रहा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक नुकसान भी पहुंचा सकता है.

ये हैं ट्रांसपोर्टर यूनियन की मुख्य मांगें-

-डीजल की कीमतें कम हो.

-टोल प्लाजा पर बैरियर बंद हो.

-राष्ट्रीय स्तर पर समान मूल्य निर्धारित हो.

-ट्रांसपोर्टरों पर टीडीएस खत्म हो.

-थर्ड पार्टी बीमा में जीएसटी की छूट हो.

ट्रकों की हड़ताल के कारण तमाम कंज्यूमर गुड्स समेत इंडस्ट्रियल रॉ मेटेरियल समेत तैयार सामान का ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित हुआ है.

इसी कड़ी में बता दें कि सीएआई अतुल गंतरा ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से रूई और कपास की आवक नहीं हो रही है, जिससे कारोबार ठप पड़ गया है. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की सप्लाई नहीं होने से मिलों बंद होने की स्थिति में आ गई है और कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है. गंतरा ने कहा, "सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल उपाय करना चाहिए."

20 जुलाई से हड़ताल पर हैं ट्रक ऑपरेटर

गौरतलब है किऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की 20 जुलाई से जारी बेमियादी हड़ताल के कारण करीब 90 लाख ट्रक सड़कों से पर नहीं उतर रहे हैं. ट्रांसपोर्टर डीजल की मंहगाई समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.