मुंबई के मालवणी इलाके से एक हैरान और परेशान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां 14 साल की लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि लड़की को पहली बार पीरियड आया था और वो काफी दर्द में थी. दर्द से परेशान होकर लड़की ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि मृतक लड़की पीरियड की कम और गलत जानकारी के कारण तनाव में थी.
पुलिस द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक 26 मार्च की शाम को लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. इस घटना के दौरान घर पर कोई भी मौजूद नहीं था. लड़की के पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उसे कांदिवली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.
दी लल्लनॉप की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने जब पूछताछ की तो मृतक के रिश्तेदारों ने बताया कि पहली बार पीरियड आने से वो परेशान थी. ज्यादा दर्द होने की वजह से वो मानसिक तनाव से गुजर रही थी. एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई कि इसी कारण से लड़की ने अपनी जान ले ली होगी.
पुलिस ने कहा है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच जारी है. पुलिस मृतक के दोस्तों से बात करेगी और उसके मानसिक तनाव के बारे में जानने की कोशिश करेगी. इसके अलावा लड़की की ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है.
पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
पहली बार पीरियड आने के कारण आत्महत्या करने का ये पहला मामला नहीं है. 16 मई 2019 को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 12 साल की एक लड़की ने पीरियड की वजह से आत्महत्या कर ली थी.
क्या होता है पीरियड?
पीरियड या माहवारी महिलाओं में सामान्य और नेचुरल प्रोसेस है. इसमें यूटेरस के अंदर की परत झड़ती है. इसमें खून और टिशू वजाइना से होकर बाहर निकल जाते हैं. इस प्रक्रिया में दर्द, तनाव और मूड स्विंग्स भी हो सकते हैं. आमतौर पर ये महीने में एक बार होता है. वैसे तो ये बिल्कुल ही नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन दर्द या घबराहट ज्यादा होने पर डॉक्टर्स से परामर्श लेना चाहिए.
पहली बार पीरियड आना एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर लड़की के जीवन में होती है. यह चिंता या शर्मिंदगी का विषय नहीं है. जब लड़कियों को पहले से ही इसकी जानकारी होती है, तो वे पहली बार पीरियड आने पर घबराती नहीं हैं. इसलिए उन्हें इसकी जानकारी दें.
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको पहली बार पीरियड आने पर मदद कर सकते हैं:
1. शांत रहें और सकारात्मक सोच रखें: यह आपके शरीर में होने वाला एक प्राकृतिक बदलाव है.
2. खुद को शिक्षित करें: पीरियड के बारे में जानकारी प्राप्त करें और समझें कि यह आपके शरीर को कैसे प्रभावित करता है.
3. स्वच्छता बनाए रखें: नियमित रूप से स्नान करें और साफ अंडरवियर पहनें.
4. सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करें: अपनी पसंद और ज़रूरत के अनुसार पैड चुनें.
5. दर्द से राहत पाएं: यदि आपको दर्द या ऐंठन महसूस हो, तो हीट रैप, गर्म पानी की बोतल, या दर्द निवारक दवा का उपयोग करें.
6. स्वस्थ आहार और व्यायाम: संतुलित आहार खाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें.
7. अपनी भावनाओं पर ध्यान दें: यदि आपको चिंता, डर या गुस्सा महसूस हो रहा है, तो अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में संकोच न करें.
यहां कुछ सामान्य गलत धारणाएं हैं जिनसे आपको बचना चाहिए
- पीरियड गंदा या शर्मनाक होता है.
- पीरियड के दौरान आपको धार्मिक या सामाजिक गतिविधियों में भाग नहीं लेना चाहिए.
- पीरियड के दौरान आपको व्यायाम नहीं करना चाहिए.
- पीरियड के दौरान आप बीमार हो जाएंगी.
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पीरियड एक स्वस्थ और प्राकृतिक प्रक्रिया है. आपको इसके बारे में शर्मिंदा नहीं होना चाहिए. यदि आपको कोई चिंता या प्रश्न है, तो अपनी मां, बहन, या किसी अन्य महिला रिश्तेदार से बात करें. आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकती हैं.