अगरतला: त्रिपुरा (Tripura) में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को गलत जानकारी देने और 'शांतिपूर्ण राज्य' में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने का आरोप लगाया. वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक (Pratima Bhowmik) और त्रिपुरा के सूचना और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी (Sushant Chowdhary) ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने त्रिपुरा में कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की कोशिश करते हुए दोनों राज्यों (त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल) की पारंपरिक संस्कृति को भी नष्ट कर दिया. Tripura Violence: तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अमित शाह से मुलाकात की, त्रिपुरा में पुलिस हिंसा का आरोप लगाया
चौधरी ने कहा कि तृणमूल ने राज्य में कई राजनीतिक रैलियां कीं, लेकिन उनका आरोप है कि पार्टी को राजनीतिक और संगठनात्मक कार्यक्रम आयोजित करने से रोका गया. शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव की एक याचिका के बाद त्रिपुरा पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि गुरुवार को होने वाले नगरपालिका चुनावों के लिए किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अधिकार का प्रयोग करने से नहीं रोका जाए.
प्रतिमा भौमिक ने कहा, "तृणमूल कांग्रेस के कई नेता सारदा और अन्य चिट फंड के लाभार्थी हैं और नारद मामले में आरोपी हैं. वे चिट फंड से अर्जित धन का उपयोग करके बड़ी संख्या में त्रिपुरा आ रहे हैं."
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की राजनीति को स्टंट राजनीति करार देते हुए कहा कि तृणमूल नेताओं ने त्रिपुरा की सभाओं को गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हुए संबोधित करते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, भाजपा नेताओं और राज्य के लोगों का अपमान किया.
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा, "लाखों महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया, सौ से अधिक भाजपा पदाधिकारियों की हत्या की गई, तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल में हमलों के कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 29 अक्टूबर को वह पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में विकलांग लोगों, वरिष्ठ नागरिकों और गरीब लोगों को विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराने के लिए जाना चाहती थीं, लेकिन जिलाधिकारी ने उन्हें राजनीतिक कारणों से वहां नहीं जाने के लिए कहा.
उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्रियों को भी पश्चिम बंगाल का दौरा करने की अनुमति नहीं है.. तृणमूल शासित राज्य में यह किस तरह का लोकतंत्र है?" प्रतिमा ने कहा कि तृणमूल ने राज्य में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए फर्जी वीडियो और तस्वीरें राज्य के बाहर फैलाने के लिए एक एजेंसी को लगाया है.