Tripura: चुनाव के बाद हिंसा को लेकर कांग्रेस, वामदल भाजपा के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया

विपक्षी कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाली वाम पार्टियां बुधवार को त्रिपुरा में दूसरी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेंगी. यहां स्वामी विवेकानंद मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय नेता और मुख्यमंत्री शामिल होंगे.

BJP/Congress (Photo Credits: PTI)

अगरतला, 8 मार्च : विपक्षी कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाली वाम पार्टियां बुधवार को त्रिपुरा में दूसरी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेंगी. यहां स्वामी विवेकानंद मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय नेता और मुख्यमंत्री शामिल होंगे.

वाम मोर्चे ने एक बयान में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य माणिक सरकार और माकपा, भाकपा, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक के सचिवों को राज्य सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वाम मोर्चा 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से पूरे राज्य में 'भाजपा समर्थकों और गुंडों द्वारा फैलाए गए अभूतपूर्व आतंक' के कारण इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. इसी आधार पर कांग्रेस भी बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेगी. यह भी पढ़ें : पशु तस्करी मामला: अदालत ने टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को 10 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा

त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री बिरजीत सिन्हा ने दावा किया कि 2 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद से त्रिपुरा में हिंसा की एक हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं. चुनाव के बाद हुई हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंसा की सिलसिलेवार घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए. सिन्हा ने आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान रबर के बागानों, दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, वाहनों और घरों सहित कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया और जला दिया गया, जो अभी भी जारी है.त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख ने हिंसा तुरंत नहीं रुकने पर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी भी दी.

त्रिपुरा सीपीआई-एम के सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा : "2 मार्च से हमलों की श्रृंखला के मद्देनजर, महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोग अपने घरों से भाग गए और जंगल और राज्य के बाहर शरण ली." चौधरी ने मीडिया से कहा, "पुलिस मूकदर्शक बनी रही और प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. कुछ लोगों को कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया."

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