बच्चों को सुख-सुविधाओं से लैस स्कूलों में भेजने के दौर में महिला कलेक्टर ने पेश की मिसाल, आंगनवाड़ी केंद्र में कराया बेटी का एडमिशन

साल 2009 बैच की आईएएस अधिकारी शिल्पा प्रभाकर सतीश इस जिले की पहली महिला कलेक्टर और आंगनवाड़ियों की बड़ी समर्थक हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Youtube)

समाज के उच्च वर्ग के बच्चों का अक्सर सुख-सुविधाओं से लैस प्ले स्कूलों में नाम लिखाया जाता हो लेकिन तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुनेलवेली (Tirunelveli) की जिला कलेक्टर (District Collector) ने अपनी बेटी को आंगनवाड़ी केन्द्र (Anganwadi Centre) में भेजकर उदाहरण पेश किया है. साल 2009 बैच की आईएएस अधिकारी (IAS Officer) शिल्पा प्रभाकर सतीश (Shilpa Prabhakar Satish) इस जिले की पहली महिला कलेक्टर और आंगनवाड़ियों की बड़ी समर्थक हैं. उनका कहना है कि आंगनवाड़ी ‘‘समेकित बाल विकास केन्द्र’’ होते हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं.

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने घर के पास वाले राज्य सरकार द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र में अपनी बेटी को प्रवेश क्यों दिलाया, उन्होंने कहा कि हम (सरकार) ही तो आंगनवाड़ी को बढावा देते हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि उनकी बच्ची समाज के सभी वर्गों के बच्चों के साथ समय बिताए और तमिल भाषा जल्दी सीखे. यह भी पढ़ें- मोदी सरकार का आखिरी बजट सत्र 31 जनवरी से होगा शुरू, 1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट

उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई (भाषा) से बुधवार को कहा कि हमारे आंगनवाड़ी केंद्रों में सभी सुविधाएं हैं. यह (केन्द्र) मेरे घर के बिल्कुल पास है और वह (उनकी बेटी) लोगों से मिलती है और वहीं खेलती है.

Share Now

\