
मुंबई (महाराष्ट्र) 16 अगस्त: महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और एनसीपी नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने जोर देकर कहा कि आदिवासी (Tribal), एससी (ACC), ओबीसी (OBC), अल्पसंख्यकों (Minorities) आदि की आबादी की सही संख्या जानने के लिए जाति जनगणना (Caste Census) कराई जानी चाहिए, जिससे अंततः केंद्र को नीतियां बनाने में मदद मिलेगी. कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं. एनडीए का हिस्सा जेडी-यू (JDU) ने भी इसका समर्थन किया है. यह भी पढ़ें: Mayawati on Modi Govt: मायावती की मोदी सरकार से मांग, आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे केंद्र
एएनआई से खास बातचीत में अजित पवार ने कहा, "मुझे लगता है कि एक बार जाति जनगणना होनी चाहिए. इसे आम जनगणना के साथ ही एक बार कराया जाना चाहिए, क्योंकि इससे हमें आदिवासी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और समाज के अन्य वर्गों की आबादी का सही आंकड़ा पता चल जाएगा. इसे इसलिए कराया जाना चाहिए, क्योंकि हर वर्ग अपने लिए नीतियां (आरक्षण) मांगता है, इसलिए सटीक आंकड़े मिलने से सरकार को नीतियां बनाते समय भी मदद मिल सकती है."
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"होना ही चाहिए..'' Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar on Holding a Nationwide Caste Census#ANIPodcast #SmitaPrakash #India #CasteCensus #NCP
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— ANI (@ANI) August 16, 2024
महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों पर जोर देते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि सरकार शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने, किसानों के पुराने बिजली बिल माफ करने और उन्हें मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने जैसे विभिन्न सुधारों के माध्यम से किसानों के कल्याण की दिशा में काम कर रही है.