भारतीय रुपये में छह महीने के निचले स्तर पर गिरावट दर्ज, डॉलर 72 रुपये प्रति दर पहुंचा
घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली और विदेशी पूंजी के देश से बाहर निकलने के असर से रुपया 25 पैसे और कमजोर हो गया. धीरे-धीरे 72 रुपये प्रति डॉलर के करीब पहुंच रहा है, जिसमें कई वैश्विक और स्थानीय कारकों की भूमिका है. इसे देख कर लगता है कि भविष्य में तेज कटौती का संकेत है. इससे डॉलर में तेजी दर्ज की गई.
मुंबई : घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली और विदेशी पूंजी के देश से बाहर निकलने के असर से रुपया गुरुवार को 25 पैसे और कमजोर हो गया. भारतीय मुद्रा डॉलर के खिलाफ 71.81 रुपये पर बंद हुआ, जो साल का सबसे निचला स्तर है. रुपया धीरे-धीरे 72 रुपये प्रति डॉलर के करीब पहुंच रहा है, जिसमें कई वैश्विक और स्थानीय कारकों की भूमिका है.
जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "वाहन, उपभोग और रियल्टी क्षेत्रों का परिदृश्य अभी भी धुंधला है, जिसके कारण निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित जगहों पर लगा रहे हैं. निर्यात गिरने और विदेशी पूंजी के देश छोड़ कर निकलने के कारण रुपया छह महीने के निचले स्तर पर गिर गया है."
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व्यापक आर्थिक स्थिति कमजोर और विदेशी पूंजी के निकलने का गुरुवार को रुपये में हुई तेज गिरावट पर उतना असर नहीं पड़ा, जितना फेड रिजर्व की नीतियों के हाल में जारी मिनट्स के बाद पड़ा है. फेड के मिनट्स से पता चलता है कि सभी सदस्य दरों में कटौती को लेकर सहमत नहीं थे, जोकि भविष्य में तेज कटौती का संकेत है. इससे डॉलर में तेजी दर्ज की गई.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के करेंसी रिसर्च हेड राहुल गुप्ता ने कहा, "आखिरी 15 मिनटों में रुपये में थोड़ी रिकवरी आई, जब सरकारी बैंकों ने आरबीआई की तरफ से डॉलर की बिकवाली की. घरेलू शेयर बाजारों में तथा उभरते बाजारों की मुद्राओं में तेजी के साथ भी रुपये की तेजी जुड़ी हुई है."