Middle East Crisis: मध्य पूर्व में चल रहे तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान द्वारा इजराइल पर सबसे बड़ा मिसाइल हमला किए जाने के बाद, भारत में निवेशकों को बड़ा झटका लगा है. इसका नतीजा गुरुवार को देखने को मिला जब सेंसेक्स 1,700 अंकों से ज्यादा गिर गया. यह गिरावट इशारा करती है कि हजारों मील दूर हो रहे इस संघर्ष का सीधा असर भारतीय कंपनियों पर पड़ सकता है, खासकर उन कंपनियों पर जिनके इजराइल में कारोबार या साझेदारी है.
इस तनाव का सबसे बड़ा झटका 'अडानी पोर्ट्स' को लगा है, जिसने इजराइल के हाइफा पोर्ट में भारी निवेश किया हुआ है. अडानी पोर्ट्स के शेयरों में 2.5% की गिरावट देखी गई और यह 1,429 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया.
इसके अलावा, फार्मास्युटिकल कंपनियों में भी हलचल मच गई है. 'सन फार्मास्युटिकल', और 'डा. रेड्डीज' जैसी कंपनियों की इजराइल में मजबूत पकड़ है. ऐसे में इनपर भी नजरें टिकी हुई हैं. आईटी सेक्टर की कंपनियों जैसे, टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा की इजराइल में उपस्थिति होने के बावजूद, इन पर फिलहाल कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला है.
वित्तीय सेवाओं में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का भी इजराइल में कारोबार है, लेकिन उसके मजबूत वैश्विक आधार के चलते, फिलहाल वह इस संकट से निपटने की स्थिति में दिखाई दे रहा है. इसके अलावा, तेल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है. ब्रेंट क्रूड वायदा 1% बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, जिससे एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स जैसी कच्चे तेल पर निर्भर कंपनियों के शेयर 3-4% तक गिर गए हैं. फिलहाल, सभी की नजरें मध्य पूर्व के घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं.