Government of Haryana: हरियाणा सरकार ने छह सर्वाधिक प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को सभाओं पर रोक लगाने का दिया अधिकार
हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए राज्य के सबसे अधिक प्रभावित छह जिलों के उपायुक्तों को अधिकार दिया कि वे चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा सकते हैं और कार्यालयों को ‘‘घर से काम’’ करने की प्रणाली लागू करने का आदेश दे सकते हैं.
चंडीगढ़, 25 अप्रैल : हरियाणा सरकार (Government of Haryana) ने कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए राज्य के सबसे अधिक प्रभावित छह जिलों के उपायुक्तों को अधिकार दिया कि वे चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा सकते हैं और कार्यालयों को ‘‘घर से काम’’ करने की प्रणाली लागू करने का आदेश दे सकते हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने यहां कोरोना वायरस नियंत्रण समिति की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, करनाल, सोनीपत और रोहतक के उपायुक्तों को आवश्यकता पड़ने पर सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने के लिए कहा गया है, ताकि कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को काबू किया जा सके.
उन्होंने राज्य में लॉकडाउन लागू करने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित छह जिलों में ‘‘लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध’’ होंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी कार्यालयों को कर्मियों की भीड़ एकत्र करने से बचना चाहिए और कर्मचारियों से ‘‘घर से काम की संस्कृति’’ अपनाने को कहना चाहिए ताकि संक्रमण की श्रृंखला तोड़ी जा सके. बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में कार्यक्रमों में लोगों के जुटने पर सख्त पाबंदी लगाते हुए भीतर और बाहर आयोजित समारोहों में 50 लोगों की अधिकतम सीमा तय की. यह भी पढ़ें : Maharashtra COVID-19 Update: महाराष्ट्र में कोविड के 67,160 नए मामले, 676 मौतें
उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार के लिए केवल 20 लोगों को अनुमति दी जाएगी. इससे पहले, खुले में सभाओं की सीमा 500 और भवन के लिए 200 थी. उन्होंने लोगों से विवाह कार्यक्रमों को स्थगित करने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी केवल 50 लोगों की सीमा के साथ ही सभाओं की अनुमति देंगे.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों को संक्रमण रोगियों के लिए अपने बिस्तरों का 50 प्रतिशत आरक्षित रखने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि रोहतक के पीजीआई में 1,000 बिस्तर का इंतजाम किया गया है. खट्टर ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा के साथ अब कम से कम 2,250 बिस्तर होंगे.
चिकित्सकीय ऑक्सीजन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और अस्पतालों में इसकी कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने केंद्र से एक दिन में 180 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन की मांग की थी, जिसने हमारा कोटा 162 मीट्रिक टन तय किया था.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रति दिन 200 मीट्रिक टन की संशोधित मांग केंद्र को सौंपेगी. खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार ने बोकारो स्टील प्लांट से 6,000 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का ऑर्डर दिया है, जो जल्द ही एक विशेष ट्रेन से पहुंचेगा.उन्होंने कहा कि गैर-जरूरी वस्तुओं के लिए उद्योग में तरल ऑक्सीजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया गया है. यह भी पढ़ें : COVID-19: महाराष्ट्र को केंद्र से 30 अप्रैल तक मिलेंगी रेमडेसिविर की 4.35 लाख शीशी, CM ठाकरे ने पीएम मोदी का जताया आभार
खट्टर ने कहा कि पूरे राज्य में सरकारी और निजी क्षेत्र के कार्यालयों में केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति होगी. उन्होंने कहा कि पानीपत संयंत्र से दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहेगी. अगले दो दिनों में राज्य में तरल ऑक्सीजन बनाने वाले छह छोटे संयंत्र चालू हो जाएंगे. उन्होंने जनता से ऑक्सीजन के मुद्दे पर नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘‘सतर्क’’ है. उन्होंने कहा कि एक मई से सरकारी इकाइयों में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त में कोविड-19 टीके लगाए जाएंगे.