जम्मू-कश्मीर: इन जिलों में बहाल हुई टेलीफोन और इंटरनेट सेवा, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लगी थी रोक
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रदेश में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिसे एक बार फिर से बहाल कर दिया गया है. जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर में 2जी स्पीड के साथ इंटरनेट सेवाएं शुरु की गई हैं. बीते 5 अगस्त को राज्य के कई इलाकों में ऐहतियात के तौर पर टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाए जाने के बाद घाटी में हालात को सामान्य बनाए रखने के लिए कई इलाकों में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं (Telephone and Internet Services) पर रोक लगा दी गई थी. दरअसल, प्रदेश में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर 5 अगस्त से रोक लगाई गई थी और अब इन सेवाओं पर लगी पाबंदी को हटा लिया गया है, जिसके बाद एक बार फिर से यहां टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं बहाल हो गई हैं. बता दें कि करीब 12 दिन बाद प्रदेश के जम्मू (Jammu), रियासी (Reasi), सांबा (Samba), कठुआ (Kathua) और उधमपुर (Udhampur) जिलों में 2जी स्पीड के साथ इंटरनेट सेवाएं शुरु की गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य प्रशासन ने राज्य के सभी स्कूल-कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों को 19 अगस्त (सोमवार) से खोलने के निर्देश दिए हैं.
जम्मू में 2जी की स्पीड से इंटरनेट सेवा बहाल-
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम के मुताबिक, राज्य में लगी कई और पाबंदियों को भी धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. हालांकि इस मसले पर उन्होंने शुक्रवार को ही बताया था कि चरणबद्ध और व्यवस्थित तरीके से प्रदेश में लगी पाबंदियों को हटाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कश्मीर में ज्यादातर फोन लाइनें इसी हफ्ते के आखिर तक बहाल कर दी जाएंगी और स्कूल-कॉलेज भी खुल जाएंगे. यह भी पढ़ें: अनुच्छेद 370: चीन के सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ये भारत का आंतरिक मामला, किसी देश से कोई लेना-देना नहीं
बीवीआर सुब्रमण्यम का कहना है कि बीते 5 अगस्त को जब से प्रदेश में कई सेवाओं पर पाबंदी लगी थी, तब से यहां किसी तरह की हिंसा को कोई खबर नहीं है. यहां हालात सामान्य बने हुए हैं, जिसके बाद इन सेवाओं को फिर से बहाल कर दिया गया है.
गौरतलब है कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया गया था और इस राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. इस फैसले के बाद घाटी में धारा 144 लागू कर दी गई थी और ऐहतियात के तौर पर इंटरनेट व टेलीफोन सेवाएं बंद कर दी गई थी.