अनुच्छेद 370: चीन के सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ये भारत का आंतरिक मामला, किसी देश से कोई लेना-देना नहीं
विदेश मंत्री जयशंकर का चीन दौरा ( फोटो क्रेडिट- ANI )

जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से धारा 370 हटाने के सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है. पीएम इमरान खान समेत उनके कई मंत्री लगातार एक के बाद एक ट्वीट करके अपनी बौखलाहट जाहिर कर रहे हैं. इस मसले को पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गलत तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा है. मदद की भीख मांग रहा है. लेकिन उसे हर जगह से नाकामी मिल रही है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की नौ अगस्त को हुई चीन यात्रा पर गए थे. लेकिन उनके इस दौरे के ठीक बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) के तीन दिवसीय चीन दौरे पर गए और सोमवार को उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग ली से मुलाकात की.

इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी (China) समकक्ष से सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर पर भारत का फैसला देश का आंतरिक विषय है (internal matter for India) और इसका भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तथा चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (lOC) के लिए कोई निहितार्थ नहीं है.जयशंकर ने वांग के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी तरह के द्विपक्षीय मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए.

बता दें कि अनुच्छेद 370 पर पिछले हफ्ते भारत द्वारा उठाये गए कदम के बाद चीन ने दो अलग बयान जारी कर लद्दाख और जम्मू कश्मीर पर अपने रूख को जाहिर किया था. एक बयान में चीन ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह इसकी क्षेत्रीय संप्रभुता को कमजोर करता है. उसने क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता जताई और कहा कि संबद्ध पक्षों को संयम रखने और समझदारी से काम करने की जरूरत है. चीनी उपराष्ट्रपति से अपनी मुलाकात के बाद जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी दो बार वार्ता की.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले हफ्ते बीजिंग की यात्रा की थी और वांग के साथ वार्ता की थी. वांग ने कहा, चीन और भारत दो बड़े देश हैं तथा इस नाते उनके ऊपर क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने की अहम जिम्मेदारी है. भारत और चीन ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों एवं लोगों के बीच संपर्क को और अधिक मजबूत करने के लिए सोमवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये. सांस्कृतिक संबंधों एवं लोगों के बीच संपर्क पर भारत-चीन उच्च स्तरीय तंत्र की दूसरी बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के शरीक होने के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए.

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पीएम मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जयशंकर चीन का दौरा करने वाले पहले भारतीय मंत्री हैं. जयशंकर की यात्रा मुख्य रूप से इस साल के आखिर में शी की होने वाली भारत यात्रा के लिए इंतजाम को अंतिम रूप देने के लिए है. जयशंकर 2009 से 2013 के बीच चीन में भारत के राजजूत रह चुके हैं.(इनपुट भाषा )