हैदराबाद, 30 अगस्त : तेलंगाना के मंत्री के.टी. रामा राव (केटीआर) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ट्विटर पर वाकयुद्ध में लगे हुए हैं. तेलंगाना के मंत्री ने यह ट्वीट कर वाकयुद्ध की शुरुआत की कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य में एक भी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी नहीं दी है. मंडाविया ने राज्य सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि उसने मेडिकल कॉलेजों के लिए कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है. रामा राव, जो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, ने केंद्रीय मंत्री के दावे को खारिज किया. केटीआर ने लिखा, "मनसुख जी, काश आपने जवाब देने से पहले एक समीक्षा की होती. 2015 और 2019 से तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्रियों के अनुरोधों के लिए आपके पूर्ववर्तियों की प्रतिक्रियाएं संलग्न हैं, तेलंगाना सरकार ने लगातार मेडिकल कॉलेजों के लिए अनुरोध किया है, लेकिन तथ्य यह है कि आपकी सरकार ने शून्य दिया है."
आगे उन्होंने कहा, "इससे पहले कि आप जवाब दें, मैं आपको यह भी याद दिला दूं कि आपकी सरकार एम्स बीबीनगर एम्स में 544 रिक्त पदों को भरने में भी विफल रही, जिसे यूपीए सरकार के दौरान स्वीकृत किया गया था और तथ्य यह नहीं है कि एनपीए सरकार द्वारा एक शैक्षणिक संस्थान को मंजूरी नहीं दी गई थी, न ही आपके विभाग द्वारा और न ही एचआरडी द्वारा." बयानबाजी ने रविवार को केटीआर के ट्वीट के साथ कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर चिकित्सा शिक्षा में इतिहास रच रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2014 से पहले, 67 वर्षो में तेलंगाना में केवल पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए थे, लेकिन पिछले आठ वर्षो में 16 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए थे और 13 और स्थापित किए जाने थे, जिससे प्रति जिले में एक मेडिकल कॉलेज बन गया. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | उप्र : पुलिस ने बुलडोजर बुलाया तब ससुराल पक्ष के लोगों ने विवाहिता को घर में दिया प्रवेश
उन्होंने लिखा, "अब मैं आपको बताता हूं कि हमारे पीएम मोदी जी ने तेलंगाना को कितने मेडिकल कॉलेज मंजूर किए. जीरो." केंद्रीय मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, "आपकी तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों के लिए कितने प्रस्ताव भेजे गए हैं? जीरो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना पक्षपात के सबसे कम समय में सबसे अधिक में उन राज्यों के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है, जिन्होंने प्रस्ताव दिया था." केटीआर के जवाब के बाद मंडाविया ने लिखा कि एक साधारण पत्र भेजने और योजना की जरूरतों के मुताबिक एक औपचारिक प्रस्ताव के बीच अंतर है
मंडाविया ने कहा कि केंद्र ने हमेशा तेलंगाना राज्य से योजना की जरूरतों के मुताबिक डीपीआर के साथ एक औपचारिक प्रस्ताव भेजने का अनुरोध और मार्गदर्शन किया. इस मुद्दे पर नए ट्वीट में टीआरएस नेता ने सवाल उठाया, "सर, तेलंगाना के आपके कैबिनेट सहयोगी का कहना है कि 9 कॉलेज स्वीकृत किए गए थे. राज्यपाल कहते हैं कि नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, आप दावा करते हैं कि हमने आवेदन नहीं किया है. संसद में आपका जवाब कहते हैं कि जब यूपी ने 14 के लिए कहा, तब भी सरकार ने 27 को मंजूरी दी, यह पाखंड और दोहरापन क्यों?"