Telangana: कोरोना टेस्ट के दौरान गांव के सरपंच की नाक में टूटी स्वाब स्टिक, गले में जाकर फंसी
तेलंगाना के वेंकटरोपल्ली गांव के सरपंच जुवाजी शेखर (Juvaji Shekar) अपनी कोरोना जांच करवा रहे थे, लेकिन स्वाब स्टिक नाक में ही टूट गई. इसके बाद उन्हें असहनीय दर्द से जूझना पड़ा.
हैदराबाद: कोरोना (COVID-19) टेस्ट आज के समय में आम हो गया है. कोरोना की जांच के लिए नाक से स्वाब लेने के लिए स्टिक को अंदर डाला जाता है. लेकिन क्या हो जब नाक में डाली गई टेस्ट स्टिक टूटकर अंदर ही फंस जाए? ऐसा एक मामला तेलंगाना (Telangana) के करीमनगर (Karimnagar) में सामने आया है. यहां रामदुगु मंडल के वेंकटरोपल्ली गांव के सरपंच जुवाजी शेखर (Juvaji Shekar) अपनी कोरोना जांच करवा रहे थे, लेकिन स्वाब स्टिक नाक में ही टूट गई. इसके बाद उन्हें असहनीय दर्द से जूझना पड़ा. शरीर में रक्त संचार बढ़ाने के लिए करें यह अभ्यास, ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में भी होगा कारगर.
इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया, घटना शुक्रवार की है. गांव में रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाने के लिए सरपंच जुवाजी शेखर ने मोर्चा संभाला था. गांव वालों के लिए रोल मॉडल बनते हुए सरपंच ने सबसे पहले खुद टेस्ट करवाने का फैसला लिया, लेकिन यह टेस्ट उनके लिए परेशानी लेकर आया. जुवाजी शेखर का सैंपल लेने के लिए जैसे ही उनके नाक में स्वाब स्टिक डाली गई, वो टूट गई. थोड़ी ही देर में उनका दर्द बढ़ने लगा.
इसके बाद डॉक्टर और नर्स ने स्टिक निकालने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. इधर जुवाजी शेखर की हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद जुवाजी शेखर को करीमगर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां एंडोस्कोपी के जरिए स्वाब स्टिक को निकाला गया. डॉक्टरों का कहना है कि स्वाब स्टिक नाक से फिसलकर उनके गले में जा फंसी थी, जिसे एंडोस्कोपी से निकाला गया.
ठीक होने के बाद, सरपंच जुवाजी शेखर ने ने गांव के केंद्र में "अकुशल और अप्रशिक्षित" चिकित्सा कर्मचारियों के बारे में शिकायत की.