हैदराबाद, 22 अगस्त : तेलंगाना के सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक डॉ. जी. श्रीनिवास राव की चुनाव लड़ने की उम्मीदें धराशायी हो गईं दरअसल, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए टिकटों के आवंटन में उन्हें नजरअंदाज कर दिया है. यह भी पढ़े: Telangana Extends Holidays For Educational Institutions: भारी बारिश के कारण शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां बढ़ाईं
श्रीनिवास राव भद्राद्री कोठागुडेम जिले के कोठागुडेम निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे और उन्होंने लोगों से बातचीत भी शुरू कर दी थी हालांकि, केसीआर ने निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक वनमा वेंकटेश्वर राव को टिकट देने का फैसला किया भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सोमवार को घोषित 115 उम्मीदवारों की सूची में वेंकटेश्वर राव का नाम शामिल है,
वेंकटेश्वर राव 2018 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर कोठागुडेम से चुने गए थे बाद में वह बीआरएस में शामिल हो गए केसीआर, जिन्होंने केवल कुछ मौजूदा विधायकों को हटा दिया है, उन्होंने इस साल के अंत में होने वाले चुनाव के लिए वेंकटेश्वर राव को बीआरएस उम्मीदवार के रूप में चुना.
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि श्रीनिवास राव जीएसआर ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रविवार को कोठागुडेम में थे इस कार्यक्रम के तहत उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से बातचीत की श्रीनिवास राव सार्वजनिक रूप से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में बोलकर विवाद में आ गए थे कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से उन्हें पद से हटाने का आग्रह किया था.
सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक ने जून में कहा था कि वह कोठागुडेम के लोगों की सेवा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री केसीआर उन्हें कोठागुडेम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के लिए चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे, तो वह उनके निर्देश का पालन करेंगे पिछले साल नवंबर में श्रीनिवास राव ने केसीआर के पैर छूकर विवाद खड़ा कर दिया था बाद में उन्होंने अपने कृत्य का बचाव करते हुए कहा कि वह ऐसा 100 बार करेंगे.
अधिकारी ने कहा था कि केसीआर उनके पिता की तरह हैं जो तेलंगाना को प्रगति के पथ पर ले जा रहे हैं और यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें उनके पैर छूने का मौका मिला 15 नवंबर को, स्वास्थ्य विभाग के सर्वोच्च अधिकारी को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक कार्यक्रम के दौरान एक बार नहीं बल्कि दो बार उनके पैर छूते देखा गया था अधिकारी की विभिन्न हलकों से आलोचना हुई विपक्षी दलों ने इसे चाटुकारिता बताया.