तेलंगाना: रिश्वत देनेवालों से परेशान होकर बिजली विभाग इंजीनियर ने ऑफिस में लगाया 'I am Uncorrupted' का बोर्ड
करीमनगर जिले में बिजली विभाग में काम करने वाले एक इंजीनियर ने अपने ऑफिस के कैबिन में एक बोर्ड लगाया है, जिसमें साफ-साफ बड़े शब्दों में लिखा है 'I am Uncorrupted', जिसका मतलब है मैं रिश्वत नहीं लूंगा.
तेलंगाना: करीमनगर जिले में बिजली विभाग में काम करने वाले एक इंजीनियर ने अपने ऑफिस के कैबिन में एक बोर्ड लगाया है, जिसमें साफ-साफ बड़े शब्दों में लिखा है 'I am Uncorrupted', जिसका मतलब है मैं रिश्वत नहीं लूंगा. ये बोर्ड करीमनगर शहर में नॉर्थन पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (Northern Power Distribution Company Limited ) में असिटेंट डिविजनल इंजिनियर के पद पर काम करने वाले अशोक पोदेती (Ashok Podeti) ने लगाया है. वारंगल जिले के कमलापुर गांव के 37 वर्षीय अधिकारी को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ रहा है, आए दिन ठेकेदार अपना काम निकलवाने के लिए उन्हें घूस देने की कोशिश करते थे, जिससे परेशान होकर अशोक पोदेती को ये बोर्ड लगाना पड़ा. उनका कहना है कि ठेकेदारों को बिजली विभाग में बिल मंजूर और फाइलें मंजूर करवाने के लिए रिश्वत देने की आदत बन गई है.
उन्होंने बताया कि 2004 में अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पास करने के बाद 2005 में मैं बिजली विभाग में शामिल हुआ, तबसे मैं भ्रष्टाचार से दूर हूं, लेकिन मैं दूसरों को रिश्वत लेने से मना नहीं कर सकता. इस साल जून में एडीई के रूप में प्रमोशन होने के बाद, मैंने अपने कार्यालय में कम से कम भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित नहीं करने का फैसला किया है. इसलिए मैंने अपने ऑफिस में बोर्ड लगाया.
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यह पूछे जाने पर कि क्या आप लोगों को यह बताना चाहते हैं कि बिजली विभाग भ्रष्ट है, तो उन्होंने कहा कि, हम वास्तविकता स्वीकार करते हैं. सबको पता है कि विभाग में भ्रष्टाचार है. मैं केवल लोगों को यह संदेश देना चाहता था कि पूरा विभाग भ्रष्ट नहीं है. ” अशोक पोदेती का कहना है कि उनके इस काम से उनके सहयोगी नाराज हो गए हैं. मेरा बोर्ड लगाने का फैसला उन्हें गलत लगता है, लेकिन इसमें मैं कुछ भी नहीं कर सकता. ये मेरे एथिक्स हैं और मैं मैं दूसरों के रास्ते में नहीं आ रहा हूं.
अशोक ने कहा कि वह अपने रिटायरमेंट तक कोशिश जारी रखेंगे, मैं किसी के भी दबाव से परेशान नहीं हूं, मेरा ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन मुझे कोई दिक्कत नहीं है. इस बारे में जब करीमनगर के एनपीडीसीएल के डिवीजनल इंजीनियर एस रामचंदर राव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि,'अशोक को बोर्ड नहीं लगाना चाहिए था, विभाग के अन्य कर्मचारियों के लिए यह शर्मनाक है और उन्होंने यह धारणा बनाई कि हर कोई भ्रष्ट है. उन्होंने कहा, 'हमने उनसे बोर्ड हटाने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, हम इस मामले को ऊपर तक ले जाएंगे.