Tata's Jaguar Land Rover Hit by Major Cyberattack: टाटा मोटर्स की जानी-मानी लक्जरी कार कंपनी, जैगुआर लैंड रोवर (JLR), एक बहुत बड़े साइबर हमले का शिकार हो गई है. यह हमला 2 सितंबर को हुआ था, जिसके बाद से कंपनी की हालत खराब है. इस हमले की वजह से JLR के दुनियाभर के आईटी सिस्टम बंद हो गए हैं, और गाड़ियों का प्रोडक्शन और बिक्री भी पूरी तरह से रुक गई है. कंपनी को अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट कम से कम 1 अक्टूबर तक बंद रखने पड़ेंगे, जिससे छोटे सप्लायर्स और कर्मचारियों में चिंता का माहौल है.
अब एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी 'साइफर्मा' (Cyfirma) की जांच रिपोर्ट में इस हमले के पीछे के हैकर्स, उनके इरादों और हमले के масштаба (scale) के बारे में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.
किसने किया यह साइबर हमला?
रिपोर्ट के मुताबिक, 'स्कैटर्ड लैप्सस$ हंटर्स' (Scattered Lapsus$ Hunters) नाम के एक हैकर ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इस ग्रुप ने JLR के अंदरूनी आईटी सिस्टम का एक स्क्रीनशॉट टेलीग्राम पर पोस्ट करके यह दावा किया है. दिलचस्प बात यह है कि इस ग्रुप का नाम तीन अलग-अलग हैकर ग्रुप्स - स्कैटर्ड स्पाइडर, लैप्सस$ और शाइनीहंटर्स को मिलाकर बना है.
कंपनी की कौन-सी सीक्रेट जानकारी खतरे में है?
हैकर्स ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसमें JLR का एक इंटरनल डोमेन "jlrint.com" दिख रहा है. जांच में पता चला है कि हैकर्स के हाथ कंपनी की बहुत ही संवेदनशील जानकारी लग सकती है, जैसे:
- इंफोटेनमेंट सिस्टम: गाड़ियों का म्यूजिक, नेविगेशन और टचस्क्रीन वाला सिस्टम कैसे काम करता है, इसकी जानकारी लीक हो सकती है.
- ईवी चार्जिंग लॉजिक: इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग टेक्नोलॉजी और उसके सीक्रेट्स भी हैकर्स के हाथ लग सकते हैं.
साइफर्मा की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जानकारी बहुत कीमती है. हैकर्स इसका इस्तेमाल करके JLR की टेक्नोलॉजी को रिवर्स-इंजीनियर (कॉपी) कर सकते हैं या फिर कंपनी की कनेक्टेड कार सेवाओं में सेंध लगा सकते हैं. यह JLR की बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) के लिए एक बड़ा खतरा है.
खतरा अभी टला नहीं, हैकर्स ने दी और बड़ी धमकी
यह ग्रुप सिर्फ JLR को निशाना बनाकर ही नहीं रुका है. उन्होंने ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी को भी धमकी दी है. हैकर्स ने कहा है कि वे ब्रिटेन की टेलीकॉम कंपनियों को ठप कर देंगे, लोगों के इंटरनेट कनेक्शन काट देंगे, कॉल रिकॉर्ड चुरा लेंगे और सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं की निजी बातचीत को भी लीक कर देंगे.
इससे पता चलता है कि हैकर्स का मकसद सिर्फ पैसा कमाना नहीं, बल्कि ब्रिटेन में अफरातफरी मचाना और अपनी बात मनवाना भी है.
इस हमले का असर सिर्फ JLR के प्रोडक्शन रुकने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे टाटा मोटर्स और JLR की साख पर भी धब्बा लगा है. यह पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए एक खतरे की घंटी है कि कोई भी कंपनी साइबर हमलों से सुरक्षित नहीं है.













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