Tamil Nadu: गुडलूर बाशिंदों ने 'अवैध कब्जाधारी' कहे जाने पर वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया
Rajasthan Legislative Assembly

चेन्नई, 19 फरवरी : तमिलनाडु (Tamil Nadu) के गुडलूर शहर में ओ-वैली के निवासी राज्य के वन विभाग द्वारा उन्हें 'अवैध कब्जाधारी' बताए जाने के खिलाफ प्रदर्शनकर रहे हैं. ओ-वैली मक्कल पधुकप्पु इय्यकम के समन्वयक आर. रंजीत ने आईएएनएस को बताया कि क्षेत्र के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) कोमू ओमकारम ने उन्हें सूचित किया कि वन विभाग केवल आदिवासियों को सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा, न कि आम निवासियों को, क्योंकि वे ओ-वैली के अवैध कब्जेदार हैं.

उन्होंने कहा कि यह प्रतिक्रिया ओ-वैली के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर आई है, जिसमें ज्यादातर चाय बागानों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अपनी बस्तियों में सड़कों के निर्माण में देरी के बारे में लिखा था. पीएमओ ने पत्र को नीलगिरि के जिला कलेक्टर को भेज दिया, जिन्होंने इसे डीएफओ को भेज दिया. ओ-वैली के निवासियों के बारे में डीएफओ के बयान ने निवासियों के जवाब के साथ एक विवाद खड़ा कर दिया है कि वे अवैध कब्जेदार नहीं हैं और उनके पास आधार और मतदाता पहचानपत्र हैं. यह भी पढ़ें : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पापड़ और कचरी की कर दरों में विसंगति को दूर करने की मांग की

रंजीत ने कहा कि चुनाव के दौरान नेता ओ वैली में वोट मांगने आते हैं, लेकिन चुनाव के बाद भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि जमीन के मुद्दे थे, जिन्हें डीएमके सरकार ने हल करने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आने के 21 महीने बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ है. एसोसिएशन के नेताओं के अनुसार, ओ-वैली निवासी, सीफर्थ एस्टेट में सड़कों की मरम्मत के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन की योजना बना रहे हैं.