बृहदेश्वर मंदिर में 23 साल बाद होगा भव्य अनुष्ठान समारोह, 1997 के अग्निकांड में 50 श्रद्धालुओं की गई थी जान

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक बृहदेश्‍वर मंदिर (Brihadeeswarar Temple) में 23 साल बाद बुधवार को भव्य अभिषेक समारोह (Consecration Ceremony) का आयोजित किया जाएगा.

बृहदेश्‍वर मंदिर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

चेन्नई: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक बृहदेश्‍वर मंदिर (Brihadeeswarar Temple) में 23 साल बाद बुधवार को भव्य अभिषेक समारोह (Consecration Ceremony) का आयोजित किया जाएगा. 11वीं सदी के आरम्भ में बने यह हिंदू मंदिर प्राचीन वास्‍तुकला का एक नायाब नमूना है.

तंजौर (Thanjavur) में बृहदेश्वर मंदिर में अनुष्ठान समारोह तमिल और संस्कृत दोनों में आयोजित किए जाएंगे, क्योंकि कोर्ट ने अगम सिद्धांतों के अनुसार अनुष्ठान और पूजा आयोजित करने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के अनुसार, ओडुवर्स (Odhuvars) की एक टीम पवित्र अभिषेक के दौरान तमिल में थेवरम, तिरुवसागम, तिरुमुरई और अन्य भजनों का पाठ करेगी. मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार बनवाएगी माता सीता का भव्य मंदिर, जानिए किस जगह बनेगा

उधर, प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5,500 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है, साथ ही ड्रोन से निगरानी की भी व्यवस्था की गई है. मंदिर और इसकी मूलभूत सुविधाओं की की जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन देख रहा है. श्रधालुओं के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया है.

दरअसल, साल 1997 में अभिषेक समारोह के दौरान आग लगने से 50 लोगों की मौत हो गई थी. इस बार प्रशासन ने समारोह में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बताया जा रहा है कि 1997 में मंदिर परिसर में आग लगने का कारण यही था. साथ ही इस वर्ष पंडाल को खड़ा करने के लिए धातु की छत बनाई गई है.

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के तंजौर में बने बृहदेश्वर मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है. हजार साल से भी पुराने इस बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण चोल सम्राट राज राजा ने कराया था. यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राज्य सरकार के एक विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है.

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