तमिलनाडु (Tamil Nadu) में तमिल आइकन और सामाजिक कार्यकर्ता पेरियार (Periyar) की एक मूर्ति ध्वस्त अवस्था में पाई गई. मूर्ति के साथ यह तोड़फोड़ किसने की है अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है. केस दर्ज कर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब पेरियार की मूर्ति के साथ इस तरह की तोड़फोड़ की गई है. इससे पहले भी कई बार पेरियार की मूर्ति पर हमला किया गया है.
बताया जा रहा है कि कुछ अज्ञात लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है. गौरतलब है कि साल 2018 में कई बार पेरियार की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ के मामले सामने आए थे. जिसके बाद तमिलनाडु के कई हिस्सों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
Tamil Nadu: A statue of Periyar, near Aranthangi in Pudukkottai district, was found vandalised today. Police have started an investigation. pic.twitter.com/gVtupgE2TQ
— ANI (@ANI) April 8, 2019
कौन थे पेरियार
पेरियार एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे. इसके अलावा उन्हें द्रविड़ राजनीति का जनक भी कहा जाता है. दलित चिंतक पेरियार ने जाति और धर्म के खिलाफ सबसे लंबी लड़ाई लड़ी थी. वे दलितों के आदर्श माने जाते हैं. पेरियार के नाम से विख्यात, ई. वी. रामास्वामी का तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर असर इतना गहरा है कि कम्युनिस्ट से लेकर दलित आंदोलन विचारधारा, तमिल राष्ट्रभक्त से तर्कवादियों और नारीवाद की ओर झुकाव वाले सभी उनका सम्मान करते हैं, उनका हवाला देते हैं और उन्हें मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं.
तर्कवादी, नास्तिक और वंचितों के समर्थक होने के कारण उनकी सामाजिक और राजनीतिक जिंदगी ने कई उतार चढ़ाव देखे. पेरियार ने साल 1919 में उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कट्टर गांधीवादी और कांग्रेसी के रूप में की. वो गांधी की नीतियों जैसे शराब विरोधी, खादी और छुआछूत मिटाने की ओर आकर्षित हुए.