मुंबई आतंकी हमले में फोन पर निर्देश दे रहा था आतंकी? तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल की जांच करेगी NIA

Tahawwur Rana Voice Sample: 2008 में मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की भूमिका को लेकर जांच एजेंसियां हर पहलू से पड़ताल कर रही हैं. राणा इस वक्त राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 18 दिन की कस्टडी में है. एजेंसी अब राणा के वॉयस सैंपल लेने की तैयारी में है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हमले के दौरान वह फोन पर निर्देश दे रहा था.

वॉयस सैंपल से जुड़े नियम और प्रक्रिया

NIA वॉयस सैंपल लेने के लिए राणा की सहमति मांगेगी. यदि वह इनकार करता है, तो एजेंसी कोर्ट का रुख कर सकती है. उसकी अनुमति मिलने के बाद सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) के एक्सपर्ट्स दिल्ली स्थित NIA हेडक्वार्टर में आकर सैंपल लेंगे. अगर राणा मना करता है, तो यह जानकारी चार्जशीट में दर्ज की जाएगी.

पूछताछ में खुलासे: ISI और दुबई कनेक्शन

राणा से पूछताछ के दूसरे दिन दो अहम बातें सामने आईं:

  • उसने 'दुबई मैन' का नाम लिया, जिसे पूरे हमले की प्लानिंग की जानकारी थी. शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान-दुबई नेटवर्क के जरिए फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करा रहा था.
  • राणा के ISI से करीबी संपर्क की भी बात सामने आई है. वह पाकिस्तानी सेना की वर्दी को लेकर विशेष आकर्षण रखता था.

पहले दिन की पूछताछ में NIA ने बताया था कि राणा सहयोग नहीं कर रहा है. एजेंसी उसका डिस्क्लोजर स्टेटमेंट तैयार करेगी, जो केस डायरी का हिस्सा होगा.

अमेरिका से भारत लाने की पूरी प्रक्रिया

10 अप्रैल को 64 वर्षीय तहव्वुर राणा को अमेरिका से विशेष विमान के ज़रिए भारत लाया गया. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर मेडिकल जांच के बाद उसे सीधे NIA मुख्यालय लाया गया. रात करीब 10:30 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां स्पेशल जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में सुनवाई कर NIA को 18 दिन की कस्टडी दी.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम, सुसाइड वॉच पर

राणा को लोधी रोड स्थित NIA मुख्यालय के 14x14 फीट के हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है. वह सुसाइड वॉच पर है, और उसकी 24 घंटे CCTV और गार्ड्स से निगरानी की जा रही है. उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके. आगे चलकर उसे तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा.

NIA की कोर्ट में दलीलें

  • मुंबई हमले की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए राणा से गहन पूछताछ ज़रूरी है.
  • आरोपी डेविड हेडली ने राणा के साथ भारत आने से पहले ऑपरेशन की प्लानिंग की थी.
  • हमले के दौरान ईमेल के ज़रिए उसने राणा को सामान और संपत्तियों की जानकारी दी थी.
  • हेडली ने राणा को इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान के हमलों में शामिल होने की जानकारी भी दी थी.

मुंबई हमले की तह तक पहुंचने के लिए तहव्वुर राणा से पूछताछ बेहद अहम मानी जा रही है. NIA की कोशिश है कि राणा की हर गतिविधि और संपर्क सूत्रों को सामने लाया जाए. वॉयस सैंपल की मदद से यह साफ हो सकता है कि क्या वह 26/11 हमले के दौरान सक्रिय रूप से शामिल था.