Eid al-Adha 2020: जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का ऐलान, एक अगस्‍त को मनाया जाएगा ईद-उल-अजहा का त्योहार

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ऐलान किया है कि इस्लाम धर्म का पवित्र त्योहार बकरीद या ईद-उल-अजहा 1 अगस्त को मनाया जाएगा. इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि आज चांद नजर नहीं आया. जिसके बाद 1 अगस्त को बकरीद मनाने का ऐलान किया है. बकरीद को बकरा ईद (Bakra Eid), ईद-उल-अजहा (Eid-Al-Adha) भी कहा जाता है. बकरीद रमजाम महीना खत्म होने के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है. बकरीद को मुख्य रूप से कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ( फोटो क्रेडिट - ANI)

Eid al-Adha 2020: दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ऐलान किया है कि इस्लाम धर्म का पवित्र त्योहार बकरीद या ईद-उल-अजहा 1 अगस्त को मनाया जाएगा. इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि आज चांद नजर नहीं आया. जिसके बाद 1 अगस्त को बकरीद मनाने का ऐलान किया है. बकरीद को बकरा ईद (Bakra Eid), ईद-उल-अजहा (Eid-Al-Adha) भी कहा जाता है. बकरीद रमजाम महीना खत्म होने के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है. बकरीद को मुख्य रूप से कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.

कहा जाता है कि बकरीद के दिन ही हजरत इस्माइल अल्लाह को अपनी सबसे प्यारी चीज यानी अपने बेटे को कुर्बान करने चले थे, लेकिन अल्लाह ने उनकी ईमानदारी देख उनके बेटे की जगह बकरे को रख दिया था, इसलिए बकरीद के दिन को फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन माना जाता है. इस दिन आमतौर पर भेड़ या बकरी की बलि दी जाती है और बलि देने के बाद उसका गोश्त तीन समान हिस्सों में बंटता है. यह भी पढ़े: Bakrid 2020: बकरीद कब है? किसकी याद में मनाया जाता है ईद-उल-अजहा, जानें तिथि और इस पर्व का महत्व

इस दिन मटन बिरयानी, चपली कबाब, मटन पाया, मटन कोरमा, भूना गोश्त, हलीम, शाही टुकड़ा, फिरनी, खीर और सेवई जैसे कई लजीज पकवान घर-घर में बनाए और खाए जाते हैं.

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