नई दिल्ली: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहते हुए अपनी छाप छोड़ने वाली सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 67 वर्षीय दिग्गज नेता ने मंगलवार रात आखिरी सांस ली. एम्स के डॉक्टरों के अनुसार सुषमा को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में लाया गया था, लेकिन कुछ ही देर बार उनका निधन हो गया.
महज 25 साल की उम्र से राजनीति में कदम रखने वाली सुषमा स्वराज के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है. सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर आज सुबह से ही सभी दलों के नेता पहुंच रहे है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह थोड़ी देर में उनके घर पहुंचेंगे. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर बुधवार 12 बजे से तीन बजे तक अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा. इसके बाद लोधी रोड के क्रेमेटोरियम में राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
Delhi: Kerala's former Chief Minister Oommen Chandy pays last tribute to former External Affairs Minister & BJP leader #SushmaSwaraj, at her residence. She passed away last night due to cardiac arrest. pic.twitter.com/hQJ8E9r0pm
— ANI (@ANI) August 7, 2019
सुषमा के राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी रहे थे. वर्ष 2016 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. इस बार वह मोदी सरकार का हिस्सा नहीं थीं और विदेश मंत्री के रूप में एस जयशंकर को उनकी जगह मिली.
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Delhi: Yog guru Ramdev pays last tribute to former External Affairs Minister & BJP leader #SushmaSwaraj, at her residence. She passed away last night due to cardiac arrest. pic.twitter.com/ky2wTfsvhN
— ANI (@ANI) August 7, 2019
सुषमा स्वराज ऐसी नेता थी जिन तक आसानी से पहुंचा जा सकता था. उनकी छवि एक ऐसे विदेश मंत्री के रूप में बन गई थी जो सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिलते ही विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं. वह इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं. स्वराज को हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री होने का श्रेय भी मिला था. इसके साथ ही दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता होने का श्रेय भी सुषमा स्वराज को जाता है.
Delhi: Bharatiya Janata Party leader Hema Malini pays tribute to former External Affairs Minister #SushmaSwaraj, at her residence. pic.twitter.com/HkYGj4TNke
— ANI (@ANI) August 7, 2019
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी और बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं. वह 1996 में 13 दिन तक चली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थीं और 1998 में वाजपेयी के पुन: सत्ता में आने के बाद स्वराज को फिर कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
Bahujan Samaj Party (BSP) Chief, Mayawati pays last respects to former External Affairs Minister, Sushma Swaraj at the latter's residence in Delhi. Sushma Swaraj passed away due to a cardiac arrest, yesterday. pic.twitter.com/ai1KLgPDoj
— ANI (@ANI) August 7, 2019
चुनौतियां स्वीकार करने को हमेशा तत्पर रहने वाली स्वराज ने 1999 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उन पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का स्नेह रहता था. वह 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता विपक्ष भी रहीं. उन्हें उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार भी मिला था. विदेश मंत्री के तौर पर भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध को दूर करने में उनकी भूमिका को सदा याद किया जाएगा.